POLITICAL SCIENCE
राजनीति विज्ञान
ANNUAL QUESTION PAPER SOLVED
MORNING SHIFT
(2022-23)
CLASS-XI
TIME:3 Hours. M.M.-80
निर्देश:
(1) इस प्रश्न पत्र में कुल 30 प्रश्न है। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
(2) प्रश्न संख्या 1-12 प्रत्येक 1 अंक के बहुविकल्पीय प्रश्न हैं।
(3) प्रश्न संख्या 13-18 प्रत्येक 2 अंक के हैं। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 50 शब्दों से
अधिक नहीं होना चाहिए।
(4) प्रश्न संख्या 19-23 प्रत्येक 4 अंक का है। इन प्रत्येक प्रश्नों का उत्तर 100 शब्दों
से अधिक नहीं होना चाहिए।
(5) प्रश्न संख्या 24-26 गद्यांश, कार्टून
और चित्र आधारित प्रश्न हैं। तदनुसार उत्तर दें।
(6) प्रश्न संख्या 27-30 प्रत्येक 6 अंक का है। इन प्रत्येक प्रश्नों का उत्तर 170 शब्दों
से अधिक नहीं होना चाहिए।
(7) 6 अंकों के
प्रश्नों में आंतरिक विकल्प है।
खण्ड - क (12 अंक)
प्रश्न 1.
भारत में प्रत्यक्ष लोकतंत्र का उदाहरण हैं -
A. विधानसभा
B. संसद
C ग्राम सभा
D नगर निगम
उत्तर.
C ग्राम सभा।
प्रश्न 2.
राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल ____ है।
A 4 वर्ष
B 5 वर्ष
C 6 वर्ष
D 2 वर्ष
उत्तर.
C 6 वर्ष.
प्रश्न 3.
भारत में केंद्र में गठबंधन की सरकारों का दौर कब शुरू हुआ?
A 1986
B 1987
C 1989
D 2000
उत्तर.
C 1989.
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से कौन-सा न्यायपालिका का कार्य नहीं है?
A संविधान की व्याख्या
B नीति निर्माण करना
C सलाहकार की भूमिका
D मौलिक अधिकारों की रक्षा
उत्तर.
B नीति निर्माण करना ।
कथन
कारण प्रश्न।
प्रश्न
संख्या 5 और 6 के लिए
निर्देश।
नीचे
दिए गए प्रश्न में, दो कथनों को अभिकथन (A)
और कारण (R) के रूप में चिह्नित किया गया है।
इन कथनों को पढ़िए और दिए गए विकल्पों में से एक सही उत्तर चुनिए-
(A) A और R
दोनो सही हैं तथा R, A की सही व्याख्या है।
(B) A और R
दोनो सही हैं तथा R, A की सही व्याख्या नहीं
है।
(C) A सही
है लेकिन R गलत है।
(D) A गलत है लेकिन R सही है।
प्रश्न 5.
अभिकथन: भारतीय धर्मनिरपेक्षता केवल धर्म और राज्य के बीच संबंध
विच्छेद पर बल नहीं देती है।
कारण: भारतीय धर्मनिरपेक्षता पश्चिमी
धर्मनिरपेक्षता से बुनियादी रूप से भिन्न है।
उत्तर.
(A) A और R दोनो सही हैं तथा R, A की सही व्याख्या है।
प्रश्न 6.
अभिकथन: पिछली दो शताब्दियों के दौरान राष्ट्रवाद एक ऐसे सम्मोहक
राजनीतिक सिद्धांत के रूप में उभरा है जिसने इतिहास रचने में योगदान दिया है।
कारण: मौजूदा राष्ट्रों के अंदर अलगाववादी
संघर्ष आम बात है।
उत्तर.
(B) A और R दोनो सही हैं तथा R, A की सही व्याख्या नहीं है।
प्रश्न 7.
हानि के सिद्धांत का संबंध है -
A प्लेटो
B अरस्तु
C जे एस मिल
D कार्ल मार्क्स
उत्तर.
C जे एस मिल।
प्रश्न 8.
नीचे दी गई अवधारणा और उसके उचित उदाहरणों से मेल कीजिए।
A सकारात्मक कार्यवाही I.
प्रत्येक व्यस्क नागरिक को मत देने का अधिकार।
B अवसर की समानता II. बैंक वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज की ऊंची कर देते हैं।
C समान अधिकार III. प्रत्येक बच्चे को निशुल्क शिक्षा मिलनी चाहिए।
संकेतावली -
A. A-I, B-II, C-III
B. A-II, B-I, C-III
C. A-III, B-II, C-I
D. A-II, B-III, C-I
उत्तर.
D. A-II, B-III, C-I
प्रश्न 9.
राष्ट्रवाद के संबंध में कौन सा कथन सत्य है? सही
विकल्प चुनिए।
I. कई राष्ट्रों की अपनी कोई
सामान्य भाषा नहीं है।
II. राष्ट्र बहुत हद तक एक
काल्पनिक समुदाय है।
III. राष्ट्र साझे विश्वास,
समान इतिहास, भू क्षेत्र व साझा राजनीतिक
पहचान जैसे तत्वों से निर्मित नहीं होता।
IV. भू क्षेत्र में विभिन्न
धर्म व भाषा के लोग साथ-साथ रहते हैं।
संकेतावाली -
A (i), (ii), (iii)
B (i), (ii), (iv)
C (ii), (iii), (iv)
D (i), (iii), (iv)
उत्तर.
B (i), (ii), (iv)
प्रश्न 10.
निम्न में से कौन सा नागरिकता खोने का साधन है?
A दीर्घ निवास
B सरकारी नौकरी
C युद्ध में शामिल
D लंबी अनुपस्थिति
उत्तर.
D लंबी अनुपस्थिति।
प्रश्न 11.
वर्ष ____ में 42 वें
संविधान संशोधन द्वारा संविधान की प्रस्तावना में पंथनिरपेक्ष शब्द जोड़ा गया।
A 1972
B 1974
C 1976
D 1978
उत्तर.
C 1976.
प्रश्न 12.
स्वतंत्र भारत में "सभी धर्मों को राज्य द्वारा समान
संरक्षण"। यह कथन किसका है?
A जवाहरलाल नेहरू
B महात्मा गांधी
C डॉ बी आर अंबेडकर
D सुभाष चंद्र बोस
उत्तर.
A जवाहरलाल नेहरू।
खण्ड - ख (12 अंक)
प्रश्न 13.
राष्ट्रवाद के विभिन्न आयाम कौन से हैं? लिखिए।
उत्तर.
राष्ट्रवाद की धारणा ने जहां एक और अत्याचारी शासन से मुक्ति दिलाने में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है वही दूसरी तरफ इसने कटुता और युद्ध के कारण के रूप में
भी अपनी भूमिका निभाई है। छोटी-छोटी रियासतों के एकीकरण ने राष्ट्र राज्यों के
सुदृढ़ीकरण से बड़े-बड़े साम्राज्य के पतन का हिस्सेदार रहा है।
प्रश्न 14.
संविधान में संशोधन की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
उत्तर.
संविधान में संशोधन की आवश्यकता इसलिए पड़ती है क्योंकि समय के अनुसार जब किसी
प्रावधान को संविधान में सम्मिलित करना होता है तो उसे संविधान संशोधन के माध्यम
से सम्मिलित किया जाता है और इसके माध्यम से संविधान जीवंत बना रहता है।
प्रश्न 15.
भारत के प्रधानमंत्री की नियुक्ति की प्रक्रिया क्या है?
उत्तर.
भारत के प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा होती है और राष्ट्रपति ऐसे
व्यक्ति को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है जिसने लोकसभा के चुनाव में बहुमत प्राप्त
किया हो।
प्रश्न 16.
समानता की कोई दो विशेषताएं लिखिए।
उत्तर.
समानता की दो प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार है -
1. समानता की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें सभी व्यक्ति के साथ एक समान
व्यवहार किया जाता है।
2. समानता की एक प्रमुख विशेषता यह भी है कि इसमें किसी भी प्रकार के
विशेषाधिकार का अभाव होता है।
प्रश्न 17.
भारतीय चुनाव प्रणाली के कोई दो दोष लिखिए।
उत्तर.
भारतीय चुनाव प्रणाली की कुछ प्रमुख कमियां इस प्रकार है -
1. भारतीय चुनाव व्यवस्था में सबसे बड़ी कमी इसमें होने वाले धन के मनमाने
प्रयोग की है।
2. भारतीय चुनाव प्रणाली में एक सबसे बड़ी कमी यह भी है कि इसमें आपराधिक
प्रवृत्ति के चुनाव में शामिल हो जाते हैं।
3. भारतीय चुनाव प्रणाली में एक दोष यह भी है कि इसमें चुनाव लड़ने के लिए
कोई शैक्षिक योग्यता निर्धारित नहीं है।
प्रश्न 18.
धार्मिक स्वतंत्रता तथा धर्मनिरपेक्षता में कोई दो अंतर लिखिए।
उत्तर.
धार्मिक स्वतंत्रता तथा धर्मनिरपेक्षता में दो प्रमुख अंतर इस प्रकार है -
1. धार्मिक स्वतंत्रता व्यक्ति का एक अधिकार है जो व्यक्ति से संबंधित है
जबकि धर्मनिरपेक्षता राज्य से संबंधित अवधारणा है।
2. धार्मिक स्वतंत्रता व्यक्ति को धर्म से संबंधित स्वतंत्रता प्रदान करती है
वहीं दूसरी तरफ धर्मनिरपेक्षता राज्य को सभी धर्मों के संरक्षण और सुरक्षा से जोड़ती है।
खण्ड - ग (20 अंक)
प्रश्न 19.
नागरिकों के किन्हीं चार राजनीतिक अधिकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर.
नागरिकों के प्रमुख चार राजनीतिक अधिकार इस प्रकार हैं-
1. प्रत्येक नागरिक को मतदान करने का अधिकार होता है जो व्यक्ति वयस्क हो
जाता है उसे चुनाव में मत देने का अधिकार है।
2. प्रत्येक नागरिक को चुनाव लड़ने का भी अधिकार है यदि कोई व्यक्ति किसी
चुनाव के लिए योग्य है तो वह उस चुनाव में प्रत्याशी के तौर पर खड़ा हो सकता है।
3. प्रत्येक नागरिक को यह अधिकार है कि वह किसी भी सरकारी पद को प्राप्त कर
सकता है।
4. प्रत्येक नागरिक को यह अधिकार है कि वह किसी भी प्रकार का राजनीतिक दल बना
सकता है।
प्रश्न 20.
मुक्त बाजार के पक्ष और विपक्ष में कोई दो तर्क दीजिए।
उत्तर.
मुक्त बाजार के पक्ष में तर्क :
1. मुक्त बाजार के प्रमुख विशेषता यह है कि इसके अंतर्गत सभी को विकास करने
के समान अवसर प्राप्त होते हैं।
2. मुक्त बाजार व्यवस्था में राज्य का हस्तक्षेप केवल नाम मात्र का होता है।
मुक्त
बाजार के विपक्ष में तर्क :
1. मुक्त बाजार की एक सबसे बड़ी कमी यह है कि इसमें शक्तिशाली का ही विकास
संभव हो पाता है।
2. मुक्त बाजार में समाज के वंचित वर्गों का कोई ध्यान नहीं रखा जाता।
प्रश्न 21.
भारतीय संविधान की कोई चार संघात्मक विशेषताएं लिखिए।
उत्तर. किसी भी ऐसे देश को संघीय व्यवस्था
वाला देश कहते हैं जहां पर शक्तियों का विभाजन होता है। भारत भी एक संघीय व्यवस्था
वाला देश है और यहां पर सरकार 3 स्तर पर विभाजित है। संघात्मक सरकार के कुछ आवश्यक तत्व
या विशेषताएं इस प्रकार हैं -
1. संघात्मक शासन व्यवस्था का एक प्रमुख लक्षण शक्तियों का
विभाजन होता है। भारत में संघीय शासन व्यवस्था है क्योंकि भारत में शक्तियों के
तीन सूचियां बनाई गई है संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती
सूची।
2. संघात्मक शासन व्यवस्था में एक लिखित संविधान पाया जाता
है। भारत में संघीय शासन व्यवस्था है और यहां पर एक लिखित संविधान भी है। भारत का
संविधान विश्व का सर्वाधिक विशाल लिखित संविधान है।
3. संघीय शासन व्यवस्था की एक प्रमुख विशेषता संविधान की
सर्वोच्चता भी है। भारत में संघीय शासन व्यवस्था स्थापित की गई है और यहां पर
संविधान सर्वोच्च कानून है जिसका पालन सभी को अनिवार्य रूप से करना होता है।
4. स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका भी संघीय शासन
व्यवस्था का एक प्रमुख लक्षण या विशेषता है। भारत में एक स्वतंत्र और निष्पक्ष
न्यायपालिका की व्यवस्था की गई है जिसे बिना किसी बाहरी दबाव के अपने निर्णय और
कार्य करने की स्वतंत्रता दी गई है।
प्रश्न 22.
हमें राजनीतिक सिद्धांत का अध्ययन क्यों करना चाहिए? विस्तार से लिखिए।
उत्तर. राजनीतिक सिद्धांत के अध्ययन का
महत्व हम निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं -
1. राजनीतिक सिद्धांत के अध्ययन के प्रमुख महत्व यह है कि
यह देश के नागरिकों को जागरूक बनाने का एक महत्वपूर्ण कार्य करता है। राजनीतिक
सिद्धांत के माध्यम से देश के नागरिक जागरूक होते हैं और देश की शासन प्रक्रिया को
समझते हैं।
2. राजनीतिक सिद्धांत का अध्ययन इसलिए भी करना आवश्यक है
क्योंकि राजनीतिक सिद्धांत के माध्यम से हम भविष्य की समस्याओं का सफलतापूर्वक
समाधान निकाल सकते हैं। राजनीतिक सिद्धांत में विभिन्न प्रकार की समस्याओं के
समाधान में सहायता करता है।
3. राजनीतिक सिद्धांत के अध्ययन का एक महत्व यह भी है कि
यह व्यक्ति को तर्कसंगत निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है। राजनीतिक सिद्धांत
के माध्यम से व्यक्ति में तर्क करने की शक्ति आती है और वह सही गलत का निर्णय लेने
में सक्षम हो पाता है।
4. राजनीतिक सिद्धांत के अध्ययन का एक विशेष महत्व यह भी
है कि है लोकतंत्र के सफल संचालन के लिए अति आवश्यक है। राजनीतिक सिद्धांत के
माध्यम से लोकतंत्र के विभिन्न आयामों को समझने में बहुत आसानी होती है।
5. राजनीतिक सिद्धांत के माध्यम से अन्य देशों के शासन
प्रणालियों का तुलनात्मक अध्ययन करने में बहुत सहायता होती है। राजनीतिक सिद्धांत
के माध्यम से हमें विभिन्न देशों की राजनीतिक प्रणालियों का ज्ञान होता है और हम
अपने देश की शासन प्रणाली को बेहतर करने के लिए विभिन्न सुधार कर पाते हैं।
6. राजनीतिक सिद्धांत के माध्यम से नागरिकों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों
का ज्ञान हो पाता है। देश के नागरिक अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में
जागरूक होते हैं और एक जिम्मेदार नागरिक बनते हैं।
प्रश्न 23.
पंचायती राज संस्थाओं के समक्ष कौन-कौन सी समस्याएं हैं? किन्हीं चार का वर्णन कीजिए।
उत्तर.
पंचायती राज संस्थाओं के समक्ष कई प्रकार की समस्याएं हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार
है -
1. पंचायती राज संस्थाओं के समक्ष एक सबसे बड़ी चुनौती है कि पंचायतों के
चुनावों पर राजनीति पूरी तरह से हावी हो चुकी है। वर्तमान समय में पंचायतों के
चुनाव किसी जंग के मैदान से कम नहीं होते और इन चुनावों के कारण आपसी मतभेद भी
लोगों के बीच में बढ़ते जा रहे हैं।
2. पंचायती संस्थाओं की एक बड़ी समस्या यह भी है कि इतने वर्षों के बाद भी यह
संस्थाएं जन शक्ति का प्रतीक नहीं बन पाई है। पंचायतों में अभी भी लोगों की
विश्वास की कमी नजर आती है।
3. पंचायती राज संस्थाओं के समक्ष एक बड़ी चुनौती वित्त की चुनौती के रूप में
भी सामने आती है। पंचायती संस्थाएं अपने कार्यों को अच्छी तरह से इसलिए नहीं कर
पाती हैं क्योंकि इन्हें वित्तीय समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है और इन्हें आय
के अपर्याप्त संसाधन मिलते हैं।
4. पंचायती राज संस्थाओं की एक सबसे बड़ी समस्या यह भी है कि भारत के सभी
राज्यों में पंचायतों के तीन स्तरीय स्वरूप को स्थापित नहीं किया गया है। किसी
किसी राज्य में पंचायतों को केवल दो ही स्तर है और किसी राज्य में केवल एक ही स्तर पाया जाता है।
खण्ड - घ (12 अंक)
प्रश्न
24.
निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
सचमुच
धर्मनिरपेक्ष होने के लिए राज्यसत्ता को ना केवल धर्मतांत्रिक होने से इनकार करना
होगा बल्कि उसे किसी भी धर्म के साथ किसी भी तरह के औपचारिक कानूनी गठजोड़ से
परहेज करना होगा। धर्म और राज्य सत्ता के बीच संबंध विच्छेद धर्मनिरपेक्षता राज्य
सत्ता के लिए जरूरी है, मगर केवल यही पर्याप्त
नहीं है। धर्मनिरपेक्ष राज्य को ऐसे सिद्धांतों और लक्ष्यों के लिए अवश्य
प्रतिबद्ध होना चाहिए जो अंशतः ही सही, गैर धार्मिक स्त्रोतों
से निकलते हो।
1. सचमुच
धर्मनिरपेक्ष होने के लिए राज्य सत्ता को क्या करना होगा?
A धार्मिक
होना होगा
B धर्मतांत्रिक
होने से मना करना होगा।
C धार्मिक
गठजोड़ करना होगा।
D धर्मों का
विरोध करना होगा।
उत्तर. B धर्मतांत्रिक होने से मना
करना होगा।
2. धर्मनिरपेक्ष
राज्य को कैसे सिद्धांतों और लक्ष्यों के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए?
A जो अंशतः
ही सही हो।
B जो गैर
धार्मिक स्त्रोतों से निकलते हो।
C जो अंशतः
ही सही गैर धार्मिक स्रोतों से निकलते हो।
D धर्माविरोधी
हो।
उत्तर. C जो अंशतः ही सही गैर
धार्मिक स्रोतों से निकलते हो।
3. धर्म और
राज्यसत्ता के लिए क्या जरूरी है?
A धर्म और
राज्य का पृथक्करण।
B घनिष्ठता।
C धर्म को
बढ़ावा देना।
D प्रतिबद्धता।
उत्तर. A धर्म और राज्य का
पृथक्करण।
4. भारतीय
धर्मनिरपेक्ष राज्य की निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता नहीं है?
A राज्य का
कोई धर्म नहीं होता।
B धार्मिक
स्वतंत्रता।
C सभी
धर्मों में समानता।
D किसी एक
धर्म का संरक्षण।
उत्तर. D किसी एक धर्म का संरक्षण।
प्रश्न
25.
नीचे दिए गए चित्र का अध्ययन कीजिए और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर
लिखिए।
1. चित्र
में किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन दिखाई दे रहा है?
A समानता का
अधिकार।
B स्वतंत्रता
का अधिकार।
C शोषण के
विरुद्ध अधिकार।
D धार्मिक
स्वतंत्रता का अधिकार।
उत्तर. C शोषण के विरुद्ध अधिकार।
2. चित्र
में क्या स्थिति दिखाई दे रही है?
A सामुदायिकता।
B बाल
मजदूरी।
C असमानता।
D दास
प्रथा।
उत्तर. B बाल मजदूरी।
3. संविधान
के अनुसार ___ की आयु से कम के बच्चों को जोखिम के कार्यों
में नहीं लगाया जा सकता।
A 13 वर्ष।
B 14 वर्ष।
C 16 वर्ष।
D 18 वर्ष।
उत्तर. B 14 वर्ष।
4. शोषण के
विरुद्ध अधिकार का वर्णन संविधान के अनुच्छेद _____ में किया
गया है।
A 14-18
B 19-22
C 23-24
D 25-28
उत्तर. C 23-24
नोट: प्रश्न संख्या 25 के स्थान
पर दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए निम्नलिखित प्रश्न है।
1. भारत का
संविधान बनने में कितना समय लगा?
A 3 वर्ष 11 महीने 12 दिन।
B 1 वर्ष 11 महीने 20 दिन।
C 2 वर्ष 9 महीने 12 दिन।
D 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन।
उत्तर. D 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन।
2. राज्य के
नीति निर्देशक सिद्धांत किस देश के संविधान से लिए गए?
A आयरलैंड।
B इंग्लैंड।
C कनाडा।
D जापान।
उत्तर. A. आयरलैंड।
3. मौलिक
अधिकारों का वर्णन ____ में किया गया है।
A अनुच्छेद 12-25
B अनुच्छेद 14-32
C अनुच्छेद 12-35
D अनुच्छेद 14-51
उत्तर. C अनुच्छेद 12-35
4. संविधान
के किस अनुच्छेद में संवैधानिक संशोधन की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है?
A 366
B 367
C 368
D 369
उत्तर. C 368.
प्रश्न
26.
नीचे दिए गए कार्टून का अध्ययन कीजिए और निम्नलिखित प्रश्नों के
उत्तर दीजिए।
1. कार्टून
में न्यायपालिका किस भूमिका में दिखाई गई है?
A परामर्शकारी।
B अपीलीय।
C न्यायिक
सक्रियता।
D नियुक्तिकर्ता।
उत्तर. C न्यायिक सक्रियता।
2. ऐसे
मुकदमे जिसे पीड़ित की ओर से किसी और ने दाखिल किया हो को _____ याचिकाएं कहते हैं।
A सामान्य
हित।
B जनहित।
C मौलिक।
D सलाहकारी।
उत्तर. B जनहित।
3. भारत में
अपील की सबसे बड़ी संस्था ____ है।
A महान्यायवादी।
B उच्च
न्यायालय।
C जिला
न्यायालय।
D सर्वोच्च
न्यायालय।
उत्तर. D सर्वोच्च न्यायालय।
4. सर्वोच्च
न्यायालय की विधान पालिका द्वारा पारित कानूनों की संवैधानिकता जांचने की शक्ति को
____ कहते हैं।
A न्यायिक
पुनरावलोकन।
B सलाहकारी।
C अपीलीय।
D संवैधानिक।
उत्तर. A न्यायिक पुनरावलोकन।
नोट: प्रश्न संख्या 26 के स्थान
पर दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए निम्नलिखित प्रश्न है।
1. निम्न
में से कौन-सा सर्वोच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार नहीं है?
A अभिलेख
न्यायालय।
B प्रारंभिक
क्षेत्राधिकार।
C अपीलीय
क्षेत्राधिकार।
D राजनीति क्षेत्राधिकार।
उत्तर. D राजनीति क्षेत्राधिकार।
2. सर्वोच्च
न्यायालय के न्यायाधीशों को शपथ कौन दिलाता है?
A प्रधानमंत्री।
B राष्ट्रपति।
C महान्यायवादी।
D मुख्य
न्यायाधीश।
उत्तर. B राष्ट्रपति।
3. सर्वोच्च
न्यायालय के न्यायाधीशों को ______ द्वारा पद से हटाया जा
सकता है।
A राष्ट्रपति।
B कदाचार व
असमर्थता।
C राज्यपाल।
D प्रधानमंत्री।
उत्तर. B कदाचार व असमर्थता।
4. जनहित
याचिका किस देश द्वारा अपने संविधान में शामिल की गई है?
A अमेरिका।
B दक्षिण
अफ्रीका।
C जापान।
D भारत।
उत्तर. A अमेरिका।
खण्ड - ड (24 अंक)
प्रश्न
27.
भारतीय संविधान में संशोधन करने की विधियों का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए।
उत्तर. संविधान संशोधन का साधारण अर्थ है
संविधान में उन प्रावधानों को शामिल करना जो संविधान में नहीं है और आवश्यकता
पड़ने पर पुराने प्रावधानों को हटाना तथा नए प्रावधानों को जोड़ना।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 368 संविधान
संशोधन से संबंधित है। भारतीय संविधान में संशोधन करने की प्रमुख तीन विधियां है
जो कि इस प्रकार हैं -
1. साधारण विधि - भारतीय संविधान में
संशोधन करने की सबसे पहली विधि साधारण विधि है और इस विधि के माध्यम से संसद
साधारण बहुमत से कुछ संशोधन कर सकती है। इनमें से कुछ विषय इस प्रकार हैं नए
राज्यों का निर्माण करना उनकी सीमाओं का निर्धारण करना, राज्यों की विधान परिषद का
गठन करना या समाप्त करना, नागरिकता, आम
चुनाव, सांसदों के विशेषाधिकार आदि।
2. विशेष विधि - भारतीय संविधान में संशोधन
की दूसरी विधि विशेष बहुमत की विधि है। इस प्रक्रिया के अनुसार संविधान संशोधन बिल
किसी भी सदन में प्रस्तुत किया जा सकता है और उसके बाद सदन की कुल संख्या के
साधारण बहुमत तथा उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से प्रस्ताव
पारित किया जा सकता है। यही प्रक्रिया दूसरे सदन में पूरी की जाएगी और उसके बाद
राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर करने के बाद संविधान संशोधन हो जाता है। भारतीय
संविधान के अधिकतर प्रावधानों में इसी प्रक्रिया से संशोधन होता है मौलिक अधिकार, नीति निर्देशक तत्व आदि।
3. विशेष बहुमत तथा राज्यों का समर्थन -
भारतीय संविधान में संशोधन करने की यह विधि बहुत ही कठिन है इस विधि के अनुसार यदि
संशोधन करना है तो सदन के कुल सदस्यों की पूर्ण बहुमत और उपस्थित सदस्यों के दो
तिहाई बहुमत के बाद दूसरे सदन के बाद यही प्रक्रिया दोहराई जाती है और इसके बाद संविधान
संशोधन विधेयक राज्यों को विधान सभा के पास अनुमति के लिए भेजा जाता है और कम से
कम भारत के आधे राज्यों की विधानसभाओं का समर्थन होना आवश्यक है। राज्यों की
अनुमति प्राप्त हो जाने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद संविधान संशोधन की
प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है। इस प्रकार से संविधान में संशोधन मुख्य रूप से
राष्ट्रपति के निर्वाचन,
राष्ट्रपति के निर्वाचन की पद्धति, संघ की
कार्यपालिका शक्ति, राज्यों की कार्यपालिका शक्ति, राज्यों के उच्च न्यायालय, संघीय न्यायालय आदि में होता है।
प्रश्न.
भारतीय संविधान में वर्णित निम्नलिखित शब्दों को विस्तार से समझाइए।
A. समानता।
B. धर्मनिरपेक्षता।
C. समाजवाद।
उत्तर. A. समानता: भारतीय संविधान
में समांतर शब्द का प्रयोग भारत की संविधान की प्रस्तावना और मौलिक अधिकारों के
अंतर्गत किया गया है। समानता शब्द का साधारण अर्थ होता है जब किसी व्यक्ति के साथ
जाति, धर्म, भाषा, लिंग, जन्म स्थान आदि के आधार पर कोई भेदभाव ना किया
जाए और समान व्यवहार किया जाए। भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों के अंतर्गत
अनुच्छेद 14 से 18 तक समानता के मौलिक
अधिकार का वर्णन है। ये समानता के अधिकार भारत में समानता को बढ़ावा देते हैं।
B. धर्मनिरपेक्षता - भारतीय संविधान में धर्मनिरपेक्षता
शब्द का भी प्रयोग किया गया है और भारत ने स्वयं को धर्मनिरपेक्ष देश घोषित किया
है। इसका अर्थ यह है कि भारत किसी भी धर्म को अपना राजकीय धर्म नहीं मानता है
लेकिन भारत में रहने वाले सभी धर्मों के लोगों को समान मानता है और उन्हें समान
संरक्षण और सुरक्षा भी प्रदान करता है।
C. समाजवाद: भारत ने समाजवादी व्यवस्था को भी अपनाया है और
समाजवाद के विभिन्न गुणों को देश की शासन व्यवस्था में भी समाहित करने का प्रयास
किया है। समाजवाद शब्द का अर्थ है समाज में सभी वर्गों का सामान कल्याण करना और एक
कल्याणकारी व्यवस्था को लागू करना जिसके द्वारा सभी को लाभ प्राप्त हो। भारत ने
अपने संविधान की प्रस्तावना में में समाजवाद शब्द का प्रयोग किया है जो यह दर्शाता
है कि भारत एक समाजवादी देश है।
प्रश्न
28.
शरणार्थियों की समस्याएं कौन-कौन सी हैं? वैश्विक
नागरिकता की अवधारणा किस प्रकार उनकी सहायता कर सकती है?
उत्तर. शरणार्थियों की प्रमुख समस्याएं इस
प्रकार हैं -
1. कोई भी देश इन लोगों को स्वीकार नहीं करता है और इन्हें
नागरिकता देने में आनाकानी करता है।
2. यह सभी शरणार्थी शिविर या अवैध प्रवासी के रूप में
निवास करने को मजबूर हैं और इन लोगों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
3. शरणार्थियों की एक बड़ी समस्या यह भी है कि यह लोग अपने
बच्चों को उचित शिक्षा भी उपलब्ध नहीं करवा पाते।
4. शरणार्थियों की एक बड़ी समस्या यह भी है कि यह किसी
प्रकार की संपत्ति भी अर्जित नहीं कर पाते हैं क्योंकि इन रोजगार उपलब्ध नहीं होता
है।
5. शरणार्थियों की एक बड़ी समस्या यह भी है कि यह लोग अपने
घरों और राजनीतिक पहचान के साथ-साथ सुरक्षा से भी वंचित रहते हैं जो कि एक बहुत
बड़ी समस्या है।
वैश्विक नागरिकता की अवधारणा से
शरणार्थियों की समस्या काफी हद तक सुलझ सकती है क्योंकि जिस तरह से तकनीकी क्रांति
और सूचना प्रौद्योगिकी ने विश्व के सभी देशों को एक दूसरे के निकट लाया है उस के
माध्यम से देश अपनी सीमाओं को इस तरह से जोड़ रहे हैं कि जिससे कोई भी नागरिक किसी
भी देश में आ जा सकता है और वहां की सुविधाओं का भी इस्तेमाल कर सकता है।
अथवा
प्रश्न.
अमूमन देश के अंदर एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में लोगों के आकर रहने का आम तौर
पर स्थानीय लोग विरोध करते हैं। लेकिन प्रवासी लोग स्थानीय अर्थव्यवस्था में क्या
योगदान दे सकते हैं? सतर्क उत्तर लिखिए।
उत्तर. प्रवासी लोगों के माध्यम से
अर्थव्यवस्था में कई प्रकार से लाभ प्राप्त हो रहा है जिन्हें हम निम्नलिखित
बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं -
1. सामान्य तौर पर रोजगार की तलाश में लोग देश के विभिन्न
हिस्सों में जाते हैं और इस प्रक्रिया के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में कुशल
और अकुशल दोनों प्रकार के मजदूरों के बाजार विकसित हुए हैं।
2. इस प्रकार के प्रवासी लोगों के माध्यम से ही बहुत सारे
शहर सूचना और प्रौद्योगिकी के हब बन गए हैं। भारत में बेंगलुरु और गुड़गांव इसके
प्रमुख उदाहरण हैं।
3. इस प्रकार के प्रवासी देश के विभिन्न भागों में मिलते
हैं और यह लोग अपनी सेवाओं के माध्यम से देश की विकास धारा को और मजबूत करते हैं।
केरल राज्य से आने वाली नर्स संपूर्ण भारत में अपनी सेवाएं देती हैं।
4. कई प्रकार के भवन निर्माण में इस प्रकार के श्रमिक जो
कि प्रवासी के रूप में आते हैं एक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं।
5. इन प्रवासी लोगों के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को
बहुत सहारा होता है और यह प्रवासी लोग घरेलू नौकर, सफाई
कर्मचारी, समाचार पत्र वितरक रेडी पटरी पर सामान बेचने वाले,
फेरी लगाकर सामान बेचने वाले, साप्ताहिक
बाजारों में दुकान लगाकर अपना कार्य करते हैं तथा शहरों को आधार प्रदान करते हैं।
प्रश्न
29.
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का क्या अर्थ है? आपकी
राय में इस स्वतंत्रता पर समुचित प्रतिबंध क्या होंगे?
उत्तर. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ
यह है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी बात अपने विचार अभिव्यक्त करने की पूर्ण
स्वतंत्रता है। भारत में कोई भी व्यक्ति अपने विचार व्यक्त कर सकता है और इसके लिए
वह समाचार पत्र पत्रिका या किसी अन्य माध्यम का प्रयोग कर सकता है। भारतीय संविधान
के अनुच्छेद 19 में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का स्पष्ट रूप से वर्णन किया गया है।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध -
1. किसी भी व्यक्ति को किसी दूसरे व्यक्ति का अपमान करने
का कोई अधिकार नहीं होगा। कोई भी व्यक्ति अभिव्यक्ति के अधिकार के माध्यम से किसी
व्यक्ति को अपमानजनक शब्द नहीं बोलेगा।
2. अभिव्यक्ति की आजादी व्यक्ति को अपने विचार स्वतंत्र
रूप से रखने का मौका देती है लेकिन इसका अर्थ यह बिल्कुल भी नहीं है कि वह मनमाने
तरीके से इस अधिकार का प्रयोग करें।
3. राज्य व्यक्ति के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार
पर प्रतिबंध लगा सकता है यदि राज्य को यह आभास होता है कि उक्त व्यक्ति द्वेष,
अखंडता, सुरक्षा, शांति
व नैतिकता को खतरा पहुंचा रहा है।
अथवा
प्रश्न.
नकारात्मक और सकारात्मक स्वतंत्रता में क्या अंतर है?
स्पष्ट कीजिए।
उत्तर. नकारात्मक और सकारात्मक स्वतंत्रता
में कुछ प्रमुख अंतर इस प्रकार हैं-
1. नकारात्मक स्वतंत्रता का अर्थ है व्यक्ति पर किसी भी
प्रकार के प्रतिबंध का ना होना जबकि सकारात्मक स्वतंत्रता का अर्थ है अनुचित
बंधनों के स्थान पर उचित बंधनों की व्यवस्था।
2. नकारात्मक स्वतंत्रता के अंतर्गत यह माना जाता है कि
कानून स्वतंत्रता को सीमित करते हैं जबकि सकारात्मक स्वतंत्रता के अंतर्गत यह माना
जाता है कि कानून स्वतंत्रता में वृद्धि करते हैं।
3. नकारात्मक स्वतंत्रता के समर्थक यह मानते हैं कि कम से
कम शासन करने वाली सरकार सबसे बेहतर होती है वहीं दूसरी तरफ सकारात्मक स्वतंत्रता
के समर्थक मानते हैं कि सरकार को अधिक से अधिक कार्य करने चाहिए जिससे व्यक्ति का
कल्याण हो सके।
4. नकारात्मक स्वतंत्रता के समर्थक यह मानते हैं कि राज्य
को केवल सुरक्षा संबंधी कार्य करने चाहिए जबकि सकारात्मक स्वतंत्रता के समर्थक यह
मानते हैं कि राज्य को प्रत्येक क्षेत्र में हस्तक्षेप करना चाहिए और कार्य करना
चाहिए।
5. रूसो, एडम स्मिथ, जे एस मिल आदि नकारात्मक स्वतंत्रता के समर्थक हैं वहीं दूसरी तरफ लास्की
टी एच ग्रीन आदि सकारात्मक स्वतंत्रता के समर्थक हैं।
6. नकारात्मक स्वतंत्रता के समर्थक यह मानते हैं कि विकास
के लिए खुली प्रतियोगिता बेहतर होती है जबकि सकारात्मक स्वतंत्रता के समर्थक यह
मानते हैं कि राज्य को समुचित मात्रा में हस्तक्षेप करते रहना चाहिए जिससे पिछड़े
वर्गों का विकास भी संभव हो सके।
प्रश्न
30.
लोकसभा कार्यपालिका को राज्यसभा की तुलना में क्यों कारगर ढंग से
नियंत्रण में रख सकती है? कोई चार समुचित तर्क लिखिए।
उत्तर. लोकसभा कार्यपालिका को राज्यसभा की
तुलना में कारगर ढंग से नियंत्रण में रखती है और इसके लिए निम्नलिखित कारक
जिम्मेदार हैं -
1. लोकसभा कार्यपालिका को इसलिए बेहतर ढंग से नियंत्रित रख
पाती है क्योंकि मंत्री परिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदाई होती है।
मंत्री परिषद अपने कार्यों के प्रति लोकसभा के प्रति जिम्मेदार होती हैं जिस कारण
लोकसभा मंत्री परिषद पर बेहतर नियंत्रण स्थापित कर पाती है।
2. लोकसभा में प्रश्नकाल, पूरक
प्रश्न, और काम रोको प्रस्ताव के माध्यम से लोकसभा
मंत्रिपरिषद अर्थात कार्यपालिका पर अपना नियंत्रण बनाए रखती है और कार्यपालिका को
मनमाने तरीके से कार्य करने से रोकती है।
3. लोकसभा कार्यपालिका पर बेहतर नियंत्रण इसलिए भी स्थापित
कर पाती है क्योंकि लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से कार्यपालिका पर अपना
दबाव बनाए रखती है।
4. लोकसभा का कार्यपालिका पर बेहतर नियंत्रण इसलिए भी होता
है क्योंकि लोकसभा लोकप्रिय सदन होता है और इसका चुनाव जनता के द्वारा प्रत्यक्ष
रूप से होता है और इसके सदस्य जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि होते हैं।
अथवा
प्रश्न.
भारत में कानून निर्माण प्रक्रिया के कोई चार चरण लिखिए।
उत्तर. भारत में कानून निर्माण की
प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण प्रयोग में लाए जाते हैं -
1. विधेयक का प्रस्तुतीकरण : भारत में कानून निर्माण
प्रक्रिया का सबसे पहला चरण किसी भी विधेयक का प्रस्तुतीकरण होता है कानून निर्माण
से पूर्व किसी भी प्रस्ताव को विधेयक कहा जाता है।
2. सदन में विधेयक के प्रस्तुतीकरण के बाद उस पर मतदान
होने के बाद विधेयक को समिति के पास भेजा जाता है और यह सभी संसदीय समितियां उस
विधेयक पर चर्चा करती हैं।
3. समितियों की रिपोर्ट मिल जाने के बाद एक बार फिर से उस
विधेयक पर सदन में चर्चा होती है और विचार होने के बाद इसे दूसरे सदन के पास भेज
दिया जाता है।
4. संसद के दोनों सदनों के पारित कर देने के बाद वह विधेयक
राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के ले जाता है और राष्ट्रपति की अनुमति मिल जाने के
बाद यह विधेयक कानून का रूप धारण कर लेता है।