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  • CLASS: X
    SUBJECT: SOCIAL SCIENCE
    WORKSHEET SOLUTION: 72
    DATE: 24/01/2022

    SOLUTIONS

    अध्याय -3 : भारत में राष्ट्रवाद

    रॉलट एक्ट

    प्रिय विद्यार्थियोंकार्यपत्रक 71 में आपने महात्मा गांधी के द्वारा चलाए गए प्रारंभिक तीन आंदोलनों के बारे में पढ़ा। ये आंदोलन काफी सफल रहे थे और अंग्रेजी सरकार मांगों को मांगों को मानना पड़ा था इस कामयाबी से उत्साहित गांधी जी ने 1919 में प्रस्तावित रौलट एक्ट (1919) के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह आंदोलन चलाने का फैसला लिया।

    रॉलट एक्ट को भारतीय सदस्यों के विरोध के बावजूद इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल ने बहुत जल्दबाजी में पारित कर दिया था। इस कानून के जरिए सरकार को राजनीतिक कैदियों को 2 साल तक बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रखने का अधिकार मिल गया था। महात्मा गांधी ऐसे अन्यायपूर्ण कानूनों के खिलाफ अहिंसक ढंग से नागरिक अवज्ञा चाहते थे।

    प्रमुख घटनाएं

    अप्रैल 1919 को एक हड़ताल का आवाहन किया गया। विभिन्न शहरों में रैली जुलूसो का आयोजन किया गया। रेलवे वर्कशॉप में कामगार हड़ताल पर चले गए। दुकाने बंद हो गई।

    इस व्यापक जन उभार से चिंतित अंग्रेजों ने राष्ट्रवादियों पर दमन शुरू कर दिया। अमृतसर में बहुत सारे स्थानीय नेताओं को हिरासत में लिया गया। गांधी जी को दिल्ली में प्रवेश करने पर पाबंदी लगा दी गई।

    10 अप्रैल 1919 को पुलिस ने अमृतसर में एक शांतिपूर्ण जुलूस पर गोली चला दी। इसके बाद लोग बैंकोडाकखाना और रेलवे स्टेशनों पर हमले करने लगे। मार्शल लॉ लागू हो गया।

    13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ। उस दिन अमृतसर में बहुत सारे गांव वाले सालाना वैशाखी मेले में शिरकत करने के लिए जलियांवाला बाग मैदान में जमा हुए थे। काफी लोग तो सरकार द्वारा लगाए गए दमनकारी कानून का विरोध प्रकट करने के लिए एकत्रित हुए। यह मैदान चारों तरफ से बंद था। शहर से बाहर होने के कारण वहां जुटे लोगों को यह पता नहीं था कि इलाके में मार्शल लॉ लागू कर किया जा चुका है। जनरल डायर हथियारबंद सैनिकों के साथ वहां पहुंचा और जाते ही उसने मैदान से बाहर निकलने के सारे रास्तों को बंद कर दिया। इसके बाद उसके सिपाहियों ने भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चला दी। सैकड़ों लोग मारे गए।

     

    प्रश्न 1. रौलट एक्ट क्या थालोग इसका विरोध क्यों कर रहे थे?

    उत्तर. रौलट एक्ट एक दमनकारी कानून था जिसे ब्रिटिश सरकार ने 1919 में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को दबाने के उद्देश्य से लागू किया गया था। लोग इस कानून का विरोध इसलिए कर रहे थे क्योंकि इस कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को 2 वर्ष तक बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रखने का प्रावधान किया गया था।

    प्रश्न 2. रौलट एक्ट से जुड़ी प्रमुख घटनाओं का उल्लेख कीजिए।

    उत्तर. अप्रैल 1919 को एक हड़ताल का आवाहन किया गया। विभिन्न शहरों में रैली जुलूसो का आयोजन किया गया। रेलवे वर्कशॉप में कामगार हड़ताल पर चले गए। दुकाने बंद हो गई।

    इस व्यापक जन उभार से चिंतित अंग्रेजों ने राष्ट्रवादियों पर दमन शुरू कर दिया। अमृतसर में बहुत सारे स्थानीय नेताओं को हिरासत में लिया गया। गांधी जी को दिल्ली में प्रवेश करने पर पाबंदी लगा दी गई।

    10 अप्रैल 1919 को पुलिस ने अमृतसर में एक शांतिपूर्ण जुलूस पर गोली चला दी। इसके बाद लोग बैंकोडाकखाना और रेलवे स्टेशनों पर हमले करने लगे। मार्शल लॉ लागू हो गया।

    13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ। उस दिन अमृतसर में बहुत सारे गांव वाले सालाना वैशाखी मेले में शिरकत करने के लिए जलियांवाला बाग मैदान में जमा हुए थे। काफी लोग तो सरकार द्वारा लगाए गए दमनकारी कानून का विरोध प्रकट करने के लिए एकत्रित हुए। यह मैदान चारों तरफ से बंद था। शहर से बाहर होने के कारण वहां जुटे लोगों को यह पता नहीं था कि इलाके में मार्शल लॉ लागू कर किया जा चुका है। जनरल डायर हथियारबंद सैनिकों के साथ वहां पहुंचा और जाते ही उसने मैदान से बाहर निकलने के सारे रास्तों को बंद कर दिया। इसके बाद उसके सिपाहियों ने भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चला दी। सैकड़ों लोग मारे गए।

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