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  • CLASS: X
    SUBJECT: SOCIAL SCIENCE
    WORKSHEET SOLUTION: 71
    DATE: 21/01/2022

    SOLUTIONS

    अध्याय -3 : भारत में राष्ट्रवाद

    सत्याग्रह का विचार

    महात्मा गांधी जनवरी 1915 में भारत लौटे। इससे पहले उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में एक नए तरह के जन आंदोलन के रास्ते पर चलते हुए वहां की नस्लभेदी सरकार से सफलतापूर्वक लोहा लिया था। इस पद्धति को वे सत्याग्रह कहते थे।

    सत्याग्रह के विचार में सत्य की शक्ति पर आग्रह और सत्य की खोज दिया जाता था। इसका अर्थ यह था कि आपका उद्देश्य सच्चा है यदि आप का संघर्ष अन्याय के खिलाफ है तो उत्पीड़क से मुकाबला करने के लिए आपको किसी शारीरिक बल की आवश्यकता नहीं है। प्रतिशोध की भावना या आक्रामकता का सहारा लिए बिना सत्याग्रही केवल अहिंसा के सहारे भी अपने संघर्ष में सफल हो सकता है। इसके लिए दमनकारी शत्रु की चेतना को झिंझोड़ना चाहिए। उत्पीड़क शत्रु को ही नहीं बल्कि सभी लोगों को हिंसा के जरिए सत्य को स्वीकार करने पर विवश करने की बजाय सच्चाई को देखने और सहज भाव से स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। इस संघर्ष में अंततः सत्य की ही जीत होती है। गांधी जी का विश्वास था कि अहिंसा का यह धर्म सभी भारतीयों को एकता के सूत्र में बांध सकता है।

    महात्मा गांधी के द्वारा चलाए गए तीन प्रारंभिक सत्याग्रह आंदोलन

    1. चंपारण सत्याग्रह (1917) : यह महात्मा गांधी के द्वारा चलाया गया पहला सत्याग्रह आंदोलन था। 1916 में उन्होंने बिहार के चंपारण इलाके का दौरा किया और दमनकारी बागान व्यवस्था की खिलाफ किसानों को संघर्ष के लिए प्रेरित किया। शांतिपूर्ण विरोध के बाद सरकार शोषणकारी व्यवस्था को खत्म करने के लिए सहमत हो गई।

    2. खेड़ा सत्याग्रह (1917) : उन्होंने गुजरात के खेड़ा जिले के किसानों की मदद के लिए सत्याग्रह का आयोजन किया। फसल खराब हो जाने और प्ले की महामारी के कारण खेड़ा जिले के किसान लगान चुकाने की हालत में नहीं थे। वे चाहते थे कि लगान वसूली में ढील दी जाए। यह आंदोलन भी सफल रहा।

    3. अहमदाबाद मिल सत्याग्रह (1918) : 1918 में महात्मा गांधी सूती कपड़ा मिल कारखानों के मजदूरों के बीच सत्याग्रह आंदोलन चलाने अहमदाबाद गए। अहमदाबाद मिल सत्याग्रह भी सफल रहा और मजदूरों के वेतन में वृद्धि की गई।

     

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    प्रश्न 1. सत्याग्रह क्या है व्याख्या कीजिए।

    उत्तर. गांधी जी के लगभग सभी आंदोलन में सत्याग्रह के विचार को अपनाया गया था और उसका प्रयोग किया गया था। सत्याग्रह का शाब्दिक अर्थ सत्य के लिए आग्रह करना है। गांधीजी का मानना था कि यदि आपका उद्देश्य सच्चा है और आपका संघर्ष अन्याय के विरोध में है तो आपको किसी भी प्रकार की हिंसा या शारीरिक बल की आवश्यकता नहीं है। सत्याग्रह के मार्ग पर चलते हुए अहिंसा का प्रयोग करते हुए भी अपने उद्देश्य में सफलता प्राप्त की जा सकती है और उत्पीड़क का हृदय परिवर्तन किया जा सकता है।


    प्रश्न 2. महात्मा गांधी के द्वारा चलाए गए प्रारंभिक तीन आंदोलनों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।

    उत्तर. गांधी जी के द्वारा चलाए गए तीन प्रारंभिक सत्याग्रह आंदोलन इस प्रकार है-

    1. चंपारण सत्याग्रह (1917) : यह महात्मा गांधी के द्वारा चलाया गया पहला सत्याग्रह आंदोलन था। 1916 में उन्होंने बिहार के चंपारण इलाके का दौरा किया और दमनकारी बागान व्यवस्था की खिलाफ किसानों को संघर्ष के लिए प्रेरित किया। शांतिपूर्ण विरोध के बाद सरकार शोषणकारी व्यवस्था को खत्म करने के लिए सहमत हो गई।

    2. खेड़ा सत्याग्रह (1917) : उन्होंने गुजरात के खेड़ा जिले के किसानों की मदद के लिए सत्याग्रह का आयोजन किया। फसल खराब हो जाने और प्ले की महामारी के कारण खेड़ा जिले के किसान लगान चुकाने की हालत में नहीं थे। वे चाहते थे कि लगान वसूली में ढील दी जाए। यह आंदोलन भी सफल रहा।

    3. अहमदाबाद मिल सत्याग्रह (1918) : 1918 में महात्मा गांधी सूती कपड़ा मिल कारखानों के मजदूरों के बीच सत्याग्रह आंदोलन चलाने अहमदाबाद गए। अहमदाबाद मिल सत्याग्रह भी सफल रहा और मजदूरों के वेतन में वृद्धि की गई।


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