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    CLASS: X
    SUBJECT: SOCIAL SCIENCE
    WORKSHEET SOLUTION: 70
    DATE: 20/01/2022

    SOLUTIONS

    अध्याय -3 : भारत में राष्ट्रवाद

    प्रिय विद्यार्थियोंअब हम भारत में राष्ट्रवाद के बारे में पढ़ेंगे। इस अध्याय में हम भारत में स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न पहलुओं के बारे में पढ़ेंगे।

    भारत में आधुनिक राष्ट्रवाद के उदय की परिघटना उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन के साथ गहरे तौर पर जुड़ी हुई थी। औपनिवेशिक शासकों के खिलाफ संघर्ष के दौरान लोग अब आपसी एकता को पहचानने लगे थे। उत्पीड़न और दमन के साझा भाव ने विभिन्न समूहों को एक दूसरे से बांध दिया था।

    प्रथम विश्वयुद्ध और इसके प्रभाव

    1. विश्व युद्ध ने एक नई आर्थिक और राजनीतिक स्थिति पैदा कर दी थी। इसके कारण रक्षा व्यय में भारी इजाफा हुआ। इस खर्च की भरपाई करने के लिए युद्ध के नाम पर कर्जे लिए गए और करों में वृद्धि की गई। सीमा शुल्क बढ़ा दिया गया और करों में वृद्धि की गई।

    2. युद्ध के दौरान कीमतें तेजी से बढ़ रही थी। 1913 से 1918 के बीच कीमतें  दोगुना हो चुकी थी जिनके कारण आम लोगों की मुश्किलें बढ़ गई थी।

    3. गांव में सिपाहियों को जबरन भर्ती किया गया जिसके कारण ग्रामीण इलाकों में व्यापक गुस्सा था। जबरन भर्ती के अंतर्गत अंग्रेज भारत के लोगों को जबरदस्ती सेना में भर्ती कर लेते थे।

    4. इसके अलावा, 1918-19 और 1920-21 में देश के बहुत सारे हिस्सों में फसल खराब हो गई जिसके कारण खाद्य पदार्थों का भारी अभाव पैदा हो गया। उसी समय फ्लू की महामारी फैल गई। 1921 की जनगणना के मुताबिक दुर्भिक्ष और महामारी के कारण 120-130 लाख लोग मारे गए।

     

    प्रश्न 1. जबरन भर्ती से आप क्या समझते हैं ?

    उत्तर. जब किसी व्यक्ति को उसकी मर्जी के बिना सेना में भर्ती किया जाता है तो उसे जबरन भर्ती कहते हैं।


    प्रश्न 2. भारत पर प्रथम विश्व युद्ध के पड़े प्रभाव का मूल्यांकन कीजिए।

    उत्तर. भारत पर प्रथम विश्व युद्ध के निम्नलिखित प्रभाव पड़े थे

    1. विश्व युद्ध ने एक नई आर्थिक और राजनीतिक स्थिति पैदा कर दी थी। इसके कारण रक्षा व्यय में भारी इजाफा हुआ। इस खर्च की भरपाई करने के लिए युद्ध के नाम पर कर्जे लिए गए और करों में वृद्धि की गई। सीमा शुल्क बढ़ा दिया गया और करों में वृद्धि की गई।

    2. युद्ध के दौरान कीमतें तेजी से बढ़ रही थी। 1913 से 1918 के बीच कीमतें  दोगुना हो चुकी थी जिनके कारण आम लोगों की मुश्किलें बढ़ गई थी।

    3. गांव में सिपाहियों को जबरन भर्ती किया गया जिसके कारण ग्रामीण इलाकों में व्यापक गुस्सा था। जबरन भर्ती के अंतर्गत अंग्रेज भारत के लोगों को जबरदस्ती सेना में भर्ती कर लेते थे।


    प्रश्न 3. अपने शिक्षकमाता-पिता अथवा इंटरनेट की सहायता से फ्लू महामारी और इसके प्रभाव के बारे में जानकारी एकत्रित कीजिए।

    उत्तर. भारत में वर्ष 1918 से 1920 में स्पेनिश फ्लू महामारी फैल गई थी यह एक वैश्विक महामारी थी। ऐसा माना जाता है कि इस महामारी के कारण भारत में 120-130 लाख लोग मारे गए थे। इस बीमारी ने 2 सालों में कई लोगों को संक्रमित किया और जान ले ली। कई लेखकों और कवियों ने अपने संस्मरण में इस महामारी का जिक्र किया है और इस महामारी से हुई तबाही को अपनी रचनाओं में लिखने का प्रयास भी किया है।

    ऐसा माना जाता है कि यह फ्लू मुंबई में एक वापस आए हुए सैनिकों के जहाज से 1918 में पूरे देश में फैल गया था।



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