POLITICAL SCIENCE
राजनीति विज्ञान
SAMPLE QUESTION PAPER (2022-23)
CLASS-XII
TIME:3 Hours. M.M.-80
निर्देश:
(1) सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
(2) प्रश्न संख्या 1-12 प्रत्येक 1 अंक के बहुविकल्पीय प्रश्न हैं।
(3) प्रश्न संख्या 13-18 प्रत्येक 2 अंक के हैं। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 50 शब्दों से
अधिक नहीं होना चाहिए।
(4) प्रश्न संख्या 19-23 प्रत्येक 4 अंक का है। इन प्रत्येक प्रश्नों का उत्तर 100 शब्दों
से अधिक नहीं होना चाहिए।
(5) प्रश्न संख्या 24-26 पैसेज, कार्टून
और मानचित्र आधारित प्रश्न हैं। तदनुसार उत्तर दें।
(6) प्रश्न संख्या 27-30 प्रत्येक 6 अंक का है। इन प्रत्येक प्रश्नों का उत्तर 170 शब्दों
से अधिक नहीं होना चाहिए।
(7) 6 अंकों के प्रश्नों में आंतरिक विकल्प है।
SECTION-A
(12
– अंक)
प्रश्न
1.
2009 में शुरू हुआ 'अरब स्प्रिंग' आंदोलन बाद में ______ में बदल गया।(1)
(A) सामाजिक
आंदोलन
(B) धार्मिक
आंदोलन
(C) राजनीतिक
आंदोलन
(D) आर्थिक
आंदोलन
उत्तर. (C) राजनीतिक
आंदोलन
प्रश्न
2.
उस सोवियत नेता का नाम बताइए जिसे 1991 में
तख्तापलट का सामना करना पड़ा था।(1)
(A) बोरिस
येल्तसिन
(B) मिखाइल
गोर्बाचेव
(C) लियोनिद
ब्रेझनेव
(D) जोसेफ
स्टालिन
उत्तर. (B) मिखाइल
गोर्बाचेव
प्रश्न
3.
'आसियान शैली' के लिए सर्वाधिक उपयुक्त कथनों
में से एक का चयन करें-(1)
(A) आसियान
सदस्यों की जीवन शैली को दर्शाता है।
(B) आसियान
सदस्यों के बीच एक अनौपचारिक और सहकारी बातचीत है।
(C) आसियान
के सदस्य देशों की रक्षा नीति है।
(D) आसियान
के सदस्य देशों को जोड़ने वाले दार्शनिक सिद्धांत है।
उत्तर. (B) आसियान
सदस्यों के बीच एक अनौपचारिक और सहकारी बातचीत है।
प्रश्न
4.
मास्ट्रिच संधि और यूरोपीय मुद्रा, यूरो को
अस्वीकार करने वाले देशों के सही जोड़े का चयन कीजिए।(1)
(A) ब्रिटेन
और फ्रांस
(B) डेनमार्क
और स्वीडन
(C) अमेरिका
और सोवियत संघ
(D) कनाडा
और स्वीडन
उत्तर. (B) डेनमार्क
और स्वीडन
कथन
कारण प्रश्न।
प्रश्न
संख्या 5 और 6 के लिए निर्देश।
नीचे
दिए गए प्रश्न में, दो कथनों को अभिकथन (A)
और कारण (R) के रूप में चिह्नित किया गया है।
इन कथनों को पढ़िए और दिए गए विकल्पों में से एक सही उत्तर चुनिए-
(A) A और R
दोनो सही हैं तथा R, A की सही व्याख्या है।
(B) A और R
दोनो सही हैं तथा R, A की सही व्याख्या नहीं
है।
(C) A सही
है लेकिन R गलत है।
(D) A गलत
है लेकिन R सही है।
प्रश्न
5.
अभिकथन (A) : पारंपरिक सुरक्षा विश्वास
निर्माण को हिंसा से बचने के साधन के रूप में स्वीकार करती है।(1)
कारण
(R)
: विश्वास निर्माण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें देश अपने
प्रतिद्वंद्वियों के साथ विचारों और सूचनाओं को साझा करते हैं।
उत्तर. (B) A और
R दोनो सही हैं तथा R, A की सही
व्याख्या नहीं है।
प्रश्न
6.
अभिकथन (A) : इंदिरा गांधी को असली चुनौती
विपक्ष से नहीं बल्कि उनकी अपनी पार्टी के भीतर से आई थी।(1)
कारण
(R)
: उन्हें कांग्रेस के भीतर से शक्तिशाली और प्रभावशाली नेताओं के
समूह 'सिंडिकेट' से निपटना पड़ा।
उत्तर. (A) A और
R दोनो सही हैं तथा R, A की सही
व्याख्या है।
प्रश्न
7.
आतंकवाद का तात्पर्य है-(1)
(A) बाजार
या ट्रेन आदि में बम विस्फोट।
(B) क्रूर हिंसा
का उपयोग कर समाज में भय का वातावरण तैयार करना।
(C) किसी भी
सैन्य समूह द्वारा बाहरी हमला।
(D) किसी
व्यक्ति या समूह द्वारा उत्पन्न की गई हिंसा।
उत्तर. (B) क्रूर
हिंसा का उपयोग कर समाज में भय का वातावरण तैयार करना।
प्रश्न
8.
नीति आयोग के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है? (1)
(i) नीति
आयोग संघ सरकार के लिए थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है।
(ii) नीति
आयोग आतंकवाद के विरुद्ध कार्य करता है।
(iii) नीति
आयोग सहयोगात्मक संघवाद की भावना के लिए कार्य करता है।
(iv) नीति
आयोग बड़े राज्यों के लिए बड़ी भूमिका और छोटे राज्यों के लिए छोटी भूमिका निश्चित
करता है।
कोड:-
(a) i), ii), और iv)
(b) iii) और
iv)
(c) i), iii), और iv)
(d) i) और
iii)
उत्तर. (c) i), iii), और iv)
प्रश्न
9.
उस व्यक्ति का नाम बताइए जिसने द्वितीय पंचवर्षीय योजना का प्रारूप
तैयार किया।(1)
(A) के सी
नियोगी
(B) टी टी
कृष्णमाचारी
(C) श्रीमती
दुर्गाबाई देशमुख
(D) पी सी
महालनोबिस
उत्तर. (D) पी
सी महालनोबिस
प्रश्न
10.
निम्नलिखित को कालानुक्रमिक क्रम में व्यवस्थित करें(1)
(A) दूसरा
आम चुनाव
(B) चौथा आम
चुनाव
(C) वी वी
गिरी भारत के राष्ट्रपति चुने गए
(D) कांग्रेस
(आर)-सीपीआई गठबंधन ने आम चुनावों में कई सीटें जीतीं
कोड:-
(a) i), iii), ii), iv)
(b) iii), ii), iv), i)
(c) ii), iv), i), iii)
(d) iv), iii), i), ii)
उत्तर. (a) i), iii), ii),
iv)
प्रश्न
11.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस न्यायाधीश का नाम बताइए जिन्होंने
श्रीमती इंदिरा गांधी के निर्वाचन को अवैध घोषित किया –(1)
(A) ओमप्रकाश
त्रिवेदी
(B) जगमोहन
लाल सिन्हा
(C) नारायण
दत्त ओझा
(D) कुंज
बिहारी श्रीवास्तव
उत्तर. (B) जगमोहन
लाल सिन्हा
प्रश्न
12.
आपातकाल की उद्घोषणा के सन्दर्भ में विषम का पता लगाएं(1)
(A) संपूर्ण
क्रांति का आह्वान
(B) 1974 की
रेलवे हड़ताल
(C) नक्सली
आंदोलन
(D) गुजरात
आंदोलन
उत्तर. (C)
नक्सली आंदोलन
SECTION-B
(12
– अंक)
प्रश्न
13.
बहुध्रुवीय विश्व की किसी एक विशेषता पर प्रकाश डालिए, जिसकी कल्पना भारत और रूस दोनों करते हैं।(2)
उत्तर. भारत और रूस एक ऐसे बहुध्रुवीय विश्व की कल्पना करते हैं
जिसमें कई प्रकार की विशेषताएं उपस्थित हों। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
1. रूस और भारत दोनों ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शक्ति के कई केंद्र की बात
करते हैं और सामूहिक सुरक्षा तथा सामूहिक उत्तरदायित्व की कल्पना भी करते हैं।
2. रूस और भारत एक ऐसे बहुत जरूरी है विश्व की कल्पना करते हैं जिसमें
अंतर्राष्ट्रीय संघर्षों का समाधान बातचीत के जरिए निकले और प्रत्येक देश अपने
स्वतंत्र विदेश नीति सुनिश्चित कर सकें।
3. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्णय निर्माण की प्रक्रिया संयुक्त राष्ट्र संघ
जैसे संगठनों के माध्यम से सुनिश्चित हो सके।
प्रश्न
14.
दक्षिण एशिया में शामिल देशों के नाम बताइए और इस क्षेत्र में शांति
और सहयोग बढ़ाने का एक तरीका सुझाइए।(1+1=2)
उत्तर. दक्षिण एशिया के देशों में सामान्यतः बांग्लादेश भूटान भारत
मालदीव नेपाल पाकिस्तान और श्रीलंका को शामिल किया जाता है और काफी हद तक
अफगानिस्तान को भी दक्षिण एशिया का देश माना जाता है।
दक्षिण एशिया के देशों में शांति और सहयोग बढ़ाने के लिए सार्क
जैसे संगठन काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और साफ्टा राजनीतिक सामाजिक
आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ा सकता है।
प्रश्न
15.
उत्तर-पूर्वी भारत की राजनीति पर हावी किन्हीं दो मुद्दों पर प्रकाश
डालिए।(1+1=2)
उत्तर. उत्तर पूर्वी भारत की राजनीति पर हावी कुछ प्रमुख मुद्दे
निम्नलिखित हैं-
1. उत्तर पूर्वी भारत की राजनीति में स्वायत्तता की मांग एक प्रमुख मुद्दा
है।
2. उत्तर पूर्वी भारत की राजनीति में अलगाववाद की राजनीति और बाहरी लोगों के
विरोध की नीति भी काफी हावी है।
प्रश्न
16.
मंडल मुद्दे पर कुछ प्रकाश डालते हुए भारत में मंडल विरोधी
प्रदर्शनों का एक कारण बताइए।(1+1=2)
उत्तर. मंडल आयोग की सिफारिश के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए
सरकारी नौकरी में 27% का आरक्षण
का प्रावधान नेशनल फ्रंट सरकार द्वारा वर्ष 1990 में लागू कर
दिया गया।
भारत में 27% का
आरक्षण का प्रावधान मंडल आयोग की सिफारिश पर लागू करना और इसके बाद इसका विरोध
प्रदर्शन को मंडल मुद्दे के नाम से जाना जाता है। मंडल आयोग की सिफारिश का विरोध
पूरे भारत में किया गया और इस आरक्षण के प्रावधान को गलत बताया गया यहां तक की
सर्वोच्च न्यायालय में याचिका भी डाली गई।
प्रश्न
17.
पारंपरिक सुरक्षा नीति के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में शक्ति
संतुलन का मूल्यांकन करें।(1+1=2)
उत्तर. पारंपरिक सुरक्षा की नीति का एक महत्वपूर्ण घटक शक्ति संतुलन
होता है। विभिन्न देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शक्ति संतुलन स्थापित करने का प्रयास
करते हैं और खासकर ऐसे देशों के साथ जिनके साथ पहले कभी संघर्ष रहे हों।
शक्ति संतुलन स्थापित करने का एक सबसे महत्वपूर्ण घटक सैन्य शक्ति
को मजबूत करना होता है हालांकि आर्थिक और प्रौद्योगिकी शक्ति भी काफी महत्वपूर्ण है।
प्रश्न
18.
राजीव गांधी-लोंगोवाल समझौता पंजाब में सामान्य स्थिति लाने में
कहाँ तक सफल रहा? (2)
उत्तर. जुलाई 1985 में अकाली दल के अध्यक्ष हरचंद सिंह लोंगोवाल तथा प्रधानमंत्री राजीव
गांधी के बीच पंजाब में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए एक समझौता किया गया जिसे
पंजाब समझौता या राजीव गांधी लोंगोवाल समझौते के नाम से जाना जाता है।
राजीव गांधी लोगोंवाल समझौता ने पंजाब में शांति व्यवस्था बनाए
रखने के लिए कई प्रयास किए लेकिन पंजाब में शांति व्यवस्था एकदम से स्थापित नहीं
हो पाई। वर्ष 1992 के मध्य
में पंजाब में शांति व्यवस्था धीरे-धीरे बहाल हो पाई।
SECTION-C
(20
– अंक)
प्रश्न
19.
'पर्यावरणीय क्षरण की चुनौती के प्रति सबसे महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया
पर्यावरण आंदोलनों से आई है।' पृथ्वी के निष्कर्षण के
विरुद्ध और मेगा-बांधों के विरुद्ध आंदोलनों के विशेष संदर्भ में कथन को सही
ठहराएं।(2+2=4)
उत्तर. पर्यावरण शरण की चुनौती के प्रति सबसे महत्वपूर्ण
प्रतिक्रिया पर्यावरण आंदोलन से आई है। इस कथन को हम पृथ्वी के निष्कर्षण के
विरुद्ध आंदोलन और मेगा बांधों के विरुद्ध आंदोलन के संदर्भ में इस प्रकार समझ
सकते हैं-
पृथ्वी के निष्कर्षण के विरुद्ध आंदोलन-
1. खनिज उद्योगों के द्वारा पृथ्वी के निष्कर्षण से जल प्रदूषण और मृदा
प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है इसके कारण पूरे विश्व में लोग बहुत प्रभावित हो रहे
हैं। इसके कारण जन समुदाय को विस्थापित होना पड़ता है। कई बातों के साथ इन कारणों
से विश्व के विभिन्न भागों में खनिज उद्योगों की आलोचना और विरोध हुआ है।
2. इस प्रकार के आंदोलन का एक महत्वपूर्ण उदाहरण फिलीपींस है जहां कई समूह और
संगठनों ने एक साथ मिलकर एक ऑस्ट्रेलियाई बहुराष्ट्रीय कंपनी वेस्टर्न माइनिंग
कॉर्पोरेशन के खिलाफ अभियान चलाया। इस कंपनी का विरोध खुद इसके स्वदेश यानी
ऑस्ट्रेलिया में हुआ। इस विरोध के पीछे परमाण्विक शक्ति के मुखालफत की भावनाएं काम
कर रही हैं।
मेगा बांध विरोधी आन्दोलन
1. वर्तमान समय में जहां एक और बांध किसी देश की विकास की आधारशिला के रूप
में चिन्हित किए जा रहे हैं वहीं इसके कई सारे दुष्परिणाम के कारण इनका विरोध
प्रदर्शन भी किया जा रहा है। इन बड़े-बड़े बांधों के विरोध में 1980 के दशक में पहला बांध विरोधी आंदोलन दक्षिणी गोलार्ध में चलाया गया
ऑस्ट्रेलिया में चलाई है आंदोलन फ्रैंकलीन नदी तथा इसके परिवर्ती वन को बचाने का
आंदोलन था यह वन और विजनपन की पैरोकारी करने वाला आंदोलन तो था ही साथ ही बांध
विरोधी आंदोलन भी था।
2. वर्तमान समय में दक्षिणी गोलार्ध के देशों में जिनमें तुर्की थाईलैंड
दक्षिण अफ्रीका तथा इंडोनेशिया और चीन प्रमुख है इन देशों में भी बांधों को बनाने
की होड़ लगी हुई है। भारत में भी नर्मदा नदी पर बनने वाले सरदार सरोवर बांध के
विरोध में नर्मदा बचाओ आंदोलन बहुत तेजी से फैला और बांधों के दुष्परिणामों को सबके सामने रखा।
प्रश्न
20.
भारत और बांग्लादेश के बीच सहयोग और असहमति के क्षेत्रों की
व्याख्या करें।(2+2=4)
उत्तर. भारत और बांग्लादेश के बीच सहयोग के दो प्रमुख क्षेत्र इस
प्रकार हैं-
1. बांग्लादेश भारत की पूर्व की ओर ने देखो की नीति का एक अहम देश है जिस
कारण भारत बांग्लादेश पर पर्याप्त ध्यान देता है।
2. भारत और बांग्लादेश के बीच आपदा प्रबंधन और पर्यावरण के मुद्दों पर हमेशा
से सहयोग रहा है।
3. भारत और बांग्लादेश के बीच आर्थिक संबंधों में भी पर्याप्त प्रगति देखने
को मिल रही है।
भारत और बांग्लादेश के बीच विवाद की कुछ प्रमुख क्षेत्र-
1. भारत और बांग्लादेश के बीच नदियों के जल को लेकर काफी विवाद रहता है
जिसमें गंगा नदी और ब्रह्मपुत्र नदी के जल का वितरण की प्रमुख समस्या रही है।
2. भारत और बांग्लादेश के बीच बांग्लादेश से अवैध रूप से आए हुए शरणार्थियों
की समस्या एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है।
3. बांग्लादेश के द्वारा भारतीय इस्लामिक विरोध को समर्थन देने से दोनों
देशों के बीच में तनाव में वृद्धि हुई है।
प्रश्न
21.
"क्या आप इस कथन से सहमत हैं कि स्वतंत्र भारत की विदेश नीति
ने एक शांतिपूर्ण विश्व के सपने को साकार किया है"? तीन
उपयुक्त तर्कों के साथ अपने उत्तर का समर्थन कीजिए।(1+3=4)
उत्तर. स्वतंत्र भारत की विदेश नीति ने एक शांतिपूर्ण विश्व के
सपने को साकार किया है और यह कथन पूरी तरह से सत्य है। भारत की विदेश नीति के
द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के कई सारे प्रयास देखने
को मिलते हैं जिनमें से कुछ को हम इस प्रकार समझ सकते हैं-
1. भारत की विदेश नीति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति व्यवस्था बनाने के लिए हर
संभव प्रयास करती है जिसमें शीत युद्ध के दौरान दोनों शक्ति गुटों से अलग रहकर
गुटनिरपेक्षता की नीति को अपनाना एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम था। भारत ने दोनों
शक्तिपुत्र से दूर रहकर विश्व में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रयास किया और
किसी भी शक्ति ग्रुप में शामिल नहीं हुआ।
2. वर्ष 1956 में जब ब्रिटेन ने मिस्र पर आक्रमण किया
और स्वेज नहर पर अपना दावा प्रस्तुत करने की कोशिश की तब भारत ने इसका विरोध किया।
सोवियत संघ के द्वारा जब हंगरी पर आक्रमण किया गया तब भी भारत ने इसका कोई समर्थन
नहीं किया।
3. स्वतंत्रता के समय भारत ने शीत युद्ध के उस दौर में नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी
ऑर्गेनाइजेशन जिसका नेतृत्व अमेरिका के द्वारा किया जा रहा था तथा पैक्ट जिसका नेतृत्व सोवियत संघ कर रहा था इन
दोनों शक्ति गुणों से दूर रहकर भारत ने विश्व शांति के प्रयास को प्राथमिकता दी।
4. स्वतंत्र भारत की विदेश नीति में स्पष्ट रूप से यह वर्णित किया गया था कि
भारत किसी भी प्रकार की हथियारों की होड़ में शामिल नहीं होगा और विश्व में शांति
व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करेगा तथा युद्ध और तनाव की स्थिति से
निपटने के लिए हमेशा अपना सहयोग प्रदान करेगा।
प्रश्न
22.
25 जून, 1975 को भारत में राष्ट्रीय आपातकाल
लागू करने के दो कारणों का विश्लेषण कीजिए।(2+2=4)
उत्तर. 25 जून 1975 को भारत में आंतरिक अशांति के नाम पर देश में आपातकाल की घोषणा की गई थी।
वैसे तो इस आपातकाल की घोषणा के लिए कई सारे कारण जिम्मेदार थे लेकिन इनमें से कुछ
प्रमुख इस प्रकार है-
1. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इंदिरा गांधी के लोकसभा चुनाव को अवैध घोषित कर
दिया गया था जिसका प्रभाव यह था होता कि इंदिरा गांधी ना तो प्रधानमंत्री रह पाती
है और ना ही सांसद लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इस निर्णय पर स्टे लगाते हुए इंदिरा
गांधी को सांसद बने रहने दिया लेकिन लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेने से रोक
दिया। इंदिरा गांधी ने अपने हाथों से सत्ता को जाते हुए देख देश में आंतरिक अशांति
का सहारा लेते हुए आपातकाल की घोषणा करवा दी।
2. 25 जून 1975 के इस राष्ट्रीय आपातकाल के लिए एक बहुत
ही महत्वपूर्ण कारण यह भी था कि जयप्रकाश नारायण द्वारा चलाया जा रहा संपूर्ण
क्रांति का आंदोलन दिल्ली में व्यापक रूप से फैल गया था और इंदिरा गांधी इस प्रकार
के आंदोलन से भयभीत हो चुकी थी।
3. संपूर्ण भारत में इंदिरा गांधी के विरुद्ध आंदोलन तेजी से बढ़ता जा रहा था
और विरोधी एकजुट होकर इंदिरा गांधी के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
4. आर्थिक और राजनीतिक रूप से भी सरकार कई मामलों में असफल रही थी जिसके कारण
इंदिरा गांधी को आपातकाल का सहारा लेना पड़ा।
प्रश्न
23.
"द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सोवियत संघ एक महान शक्ति बन गया।
हालांकि कुछ ही समय में सोवियत व्यवस्था नौकरशाही और सत्तावादी बन गई जिससे उसके
नागरिकों के लिए जीवन कठिन हो गया।" क्या आप दिए गए कथन से सहमत हैं? अपने उत्तर को सिद्ध करने के लिए तर्क दीजिए।(1+3=4)
उत्तर. दूसरे विश्व युद्ध के बाद सोवियत संघ एक महान शक्ति बन गया।
हालांकि कुछ ही समय में सोवियत व्यवस्था नौकरशाही और सत्तावादी बन गई जिसके कारण
उसके नागरिकों के लिए जीवन यापन बहुत ही कठिन हो गया। इस कथन के पक्ष में हम
निम्नलिखित तर्क दे सकते हैं-
1. सोवियत संघ ने जिस सोवियत व्यवस्था को अपनाया था उसमें धीरे-धीरे लोगों को
यह एहसास होने लगा कि उनके पास अधिकार और स्वतंत्रता के नाम पर कुछ भी नहीं है और
उन्हें अभिव्यक्ति का भी पर्याप्त अधिकार नहीं है।
2. सोवियत प्रणाली की एक सबसे बड़ी समस्या यह भी सामने आई कि इसमें केवल एक
ही राजनीतिक दल विद्यमान था जो सत्ता पर अपना नियंत्रण रखता था बाकी किसी भी तरह
के राजनीतिक दलों को कोई मान्यता नहीं थी और यह लोगों के राजनीतिक अधिकार के रूप
में एक बहुत बड़ा अत्याचार था।
3. सोवियत संघ की बहुत सी संस्थाओं का सुधार होना बहुत आवश्यक था जिसमें यहां
की एक दलीय राजनीतिक प्रणाली में भी सुधार होना अति आवश्यक था लेकिन किसी भी
प्रकार के सुधार नहीं किए जा रहे थे और लोगों का शोषण लगातार जारी था।
4. सोवियत प्रणाली के माध्यम से नौकरशाही बहुत ही ताकतवर हो गई थी और इसने
लोगों के अधिकारों और स्वतंत्रता को सीमित कर दिया था तथा भ्रष्टाचार निरंतर बढ़ता
जा रहा था।
5. सोवियत प्रणाली में 15 गणराज्य की बात की गई थी
लेकिन देखने में यह आ रहा था कि इन 15 गणराज्य में सबसे
ताकतवर रूस था और सोवियत संघ में उसी का वर्चस्व स्पष्ट था बाकी किसी भी गणराज्य
के नागरिकों के लिए सोवियत संघ में केवल नाम मात्र का स्थान था।
SECTION-D
(12
– अंक)
प्रश्न
24.
नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़िए और दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (1+1+1+1=4)
1990 के दशक
की शुरुआत में विश्व राजनीति के द्विध्रुवीय ढांचे की समाप्ति के बाद, यह स्पष्ट हो गया कि राजनीतिक और आर्थिक शक्ति के वैकल्पिक केंद्र अमेरिका
के प्रभुत्व को सीमित कर सकते हैं। इस प्रकार, यूरोपीय संघ
और आसियान एक ताकत के रूप में उभरे। ब्रिक्स विश्व मंच पर शक्ति के एक नए केंद्र
के रूप में भी उभरा है। ब्रिक्स शब्द ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका को संदर्भित करता है।
ब्रिक्स के प्रमुख उद्देश्य मुख्य रूप से प्रत्येक राष्ट्र की आंतरिक नीतियों और
पारस्परिक समानता में हस्तक्षेप न करने के अलावा अपने सदस्यों के बीच पारस्परिक
आर्थिक लाभ का सहयोग और वितरण करना है। ब्रिक्स का 11वां
सम्मेलन 2019 में ब्राजील में संपन्न हुआ।
प्रश्न
1.
उस राजनीतिक नेता का नाम बताइए जिसने ब्रिक्स के 11वें सम्मेलन की अध्यक्षता की?
a.
लियोनिद ब्रेझनेव
b.
जायर बोल्सोनारो
c.
डिओडोरो दा फोन्सेका
d.
जैकब जुमा
उत्तर. d. जैकब
जुमा
प्रश्न
2.
ब्रिक्स के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
a.
ब्रिक्स की स्थापना दक्षिण एशिया के लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने
और उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए की गई थी।
b.
ब्रिक्स देश आपसी समानता का सम्मान करते हैं।
c.
ब्रिक्स की स्थापना निवेश, श्रम और सेवाओं के
लिए एक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) बनाने के लिए की गई थी।
d.
ब्रिक्स का मुख्यालय काठमांडू (नेपाल) में है।
उत्तर. b. ब्रिक्स
देश आपसी समानता का सम्मान करते हैं।
प्रश्न
3.
वर्ष _____ में अपनी पहली बैठक में दक्षिण
अफ्रीका को शामिल करने के बाद ब्रिक, ब्रिक्स में बदल गया।
a.
2019
b.
2009
c.2010
d.2011
उत्तर. b. 2009
प्रश्न
4.
ब्रिक्स की स्थापना 2006 में _____ में हुई थी।
a.
ब्राजील
b.
भारत
c.
रूस
d.
चीन
उत्तर. c. रूस
प्रश्न
25.
भारत के दिए गए रूपरेखा राजनीतिक मानचित्र में, चार राज्यों को (ए), (बी), (सी)
और (डी) के रूप में चिह्नित किया गया है। नीचे दी गई जानकारी के आधार पर इन
राज्यों की पहचान करें और अपनी उत्तर पुस्तिका में उपयोग की गई जानकारी के संबंधित
क्रमांक और संबंधित अक्षरों के साथ उनके सही नाम नीचे दिए गए प्रारूप के अनुसार
लिखें:(1+1+1+1=4)
(i)
वह राज्य जहां भाकपा के
नेतृत्व में गठबंधन ने वर्ष 1957 में
सरकार बनाई थी।
(ii)
नेता श्यामा प्रसाद
मुखर्जी से संबंधित राज्य।
(iii)
पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण
लागू करने वाले कर्पूरी ठाकुर से संबंधित राज्य।
(iv)
के कामराज से संबंधित
राज्य, जिन्होंने स्कूली छात्रों के लिए मध्याह्न
भोजन कार्यक्रम शुरू किया।
उपयोग
की गई जानकारी के लिए क्रम संख्या। |
संबंधित
अक्षर |
राज्य
का नाम |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
उत्तर.
उपयोग की गई जानकारी के लिए क्रम संख्या। |
संबंधित अक्षर |
राज्य का नाम |
(i) |
C |
केरल |
(ii) |
B |
पश्चिम बंगाल |
(iii) |
D |
बिहार |
(iv) |
A |
तमिलनाडु |
नोट: प्रश्न संख्या 25 के स्थान पर
दृष्टिबाधित उम्मीदवारों के लिए निम्नलिखित प्रश्न हैं।(1+1+1+1=4)
1.
कांग्रेस में विभाजन का
कारण क्या था?
उत्तर. प्रमुख नेताओं के बीच विचारधारा और विचारों के अंतर के कारण।
2.
उस नेता का नाम बताइए जिसने
सिंडिकेट समूह का नेतृत्व किया?
उत्तर. के कामराज
3.
उस पार्टी का नाम बताइए
जिसने पहले तीन आम चुनावों में अपना दबदबा बनाया?
उत्तर. कांग्रेस
4.
उस नेता का नाम बताइए
जिसने 'गैर-कांग्रेसवाद' की
रणनीति दी?
उत्तर. राम मनोहर लोहिया
प्रश्न
27.
दिए गए कार्टून का अध्ययन करें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर
दें: (1+1+1+1=4)
प्रश्न
1.
1960 में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद छिड़ गया। पंडित नेहरू चीन
में अपने समकक्ष _____ के साथ बातचीत कर रहे थे जो व्यर्थ
साबित हुई।
(a)
माओ त्सेतुंग
(b)
राष्ट्रपति जिनपिंग
(c)
झोउ एनलाई
(d)
दलाई लामा
उत्तर. (a) माओ
त्सेतुंग
प्रश्न
2.
भारतीय क्षेत्र में उस स्थान का नाम बताइए जिस पर वर्ष 1962 में चीन ने कब्जा कर लिया था?
(a)
चगाई हिल्स
(b)
अक्साई चीन
(c)
बलूचिस्तान
(d)
नागालैंड
उत्तर. (b) अक्साई
चीन
प्रश्न
3.
________________ भारत-चीन युद्ध के दौरान भारत के रक्षा मंत्री थे?
(a)
कैलाश नाथ काटजू
(b)
वी के कृष्ण मेनन
(c)
बलदेव सिंह
(d)
जवाहरलाल नेहरू
उत्तर. (b) वी के
कृष्ण मेनन
प्रश्न
4.
29 अप्रैल, 1954 को भारत और चीन के बीच
हस्ताक्षरित समझौते का नाम बताइए।
(a)
शांति समझौता
(b)
पंचशील समझौता
(c)
ठहराव समझौता
(d)
ताशकंद समझौता
उत्तर. (b) पंचशील
समझौता
नोट: प्रश्न संख्या 25 के स्थान पर
दृष्टिबाधित उम्मीदवारों के लिए निम्नलिखित प्रश्न हैं।(1+1+1+1=4)
प्रश्न
1.
जनवरी 1966 में, प्रधान
मंत्री, श्री लाल बहादुर शास्त्री ने ______ के साथ ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर किए।
a.
जनरल अयूब खान
b.
जनरल याहया खान
c.
मोहम्मद जिया उल
d.
हक मूसा खान
उत्तर. (a) जनरल
अयूब खान
प्रश्न
2.
गुटनिरपेक्ष आंदोलन की पहली बैठक _____ में
आयोजित की गई थी।
a.
बेलग्रेड
b.
उज़्बेकिस्तान
c.
बाकू
d.
नई दिल्ली
उत्तर. (a) बेलग्रेड
प्रश्न
3.
भारत-चीन युद्ध (1962) से संबंधित निम्नलिखित
में से कौन सा कथन सही है?
a.
चीन नियंत्रण रेखा को पार
नहीं कर सका।
b.
सोवियत संघ संघर्ष के
दौरान तटस्थ रहा।
c.
सोवियतों ने भारत के खिलाफ
चीन की मदद की।
d.
चीनी सेना ने अपने सैनिकों
को उनके पहले वाले स्थान पर वापस नहीं लिया।
उत्तर. (b) सोवियत
संघ संघर्ष के दौरान तटस्थ रहा।
प्रश्न
4.
भारत ने किस आधार पर दलाई लामा और हजारों तिब्बती शरणार्थियों को
राजनीतिक शरण दी? सही कथन चुनें-
a.
दलाई लामा एक प्रसिद्ध
तिब्बती नेता थे।
b.
भारत ने मानवीय आधार पर
राजनीतिक शरण दी।
c.
दलाई लामा का भारत पर राजनीतिक
प्रभाव था।
d.
भारत के लोगों ने दलाई
लामा का समर्थन किया।
उत्तर. (b) भारत ने मानवीय आधार पर राजनीतिक शरण दी।
SECTION-E
(24 – अंक)
प्रश्न
27. वैश्वीकरण के सांस्कृतिक और
राजनीतिक परिणामों का विश्लेषण दें।(3+3=6)
उत्तर. वैश्वीकरण के कुछ प्रमुख सांस्कृतिक परिणाम इस प्रकार हैं-
1. वैश्वीकरण के कारण विश्व भर में पश्चिमी संस्कृति को लादा गया है और विश्व
के प्रत्येक भाग में इसका प्रचार प्रसार किया गया।
2. वैश्वीकरण के कारण विश्व की मौलिक संस्कृतियों पर बुरा प्रभाव पड़ा है और
इसके कारण बहुत से देशों की मौलिक संस्कृति प्रभावित हुई है।
3. वैश्वीकरण के कारण विश्व भर में खानपान और पहनावे में बदलाव देखने को मिला
है। विश्व भर में इस प्रकार के परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं।
वैश्वीकरण के राजनीतिक प्रभाव-
1. वैश्वीकरण के कारण ऐसा देखने में आया है कि राज्य की कल्याणकारी व्यवस्था
में कमी आई है और राज्य अब कल्याणकारी कार्यों को करने से बजने लगे हैं।
2. वैश्वीकरण के कारण राज्य की शक्ति में जबरदस्त वृद्धि हुई है और राज्य अब
बेहतर तकनीक और सुविधाओं के माध्यम से बेहतर प्रशासन करने में सक्षम हो पाया है।
3. वैश्वीकरण का एक राजनीतिक प्रभाव यह भी देखने को मिला है कि इसके कारण
राज्य की शक्तियों में कमी आई है और बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने राज्य के कार्यों
में हस्तक्षेप करना प्रारंभ कर दिया है।
अथवा
वैश्वीकरण
के प्रतिरोध के किन्हीं तीन कारणों का विश्लेषण कीजिए।(2+2+2=6)
उत्तर. दुनिया भर में वैश्वीकरण का विरोध कई कारणों से किया जा रहा
है जहां एक और वैश्वीकरण के कई लाभ देखने को मिले हैं वहीं इसके बहुत से नुकसान भी
सामने आए हैं। वैश्वीकरण के प्रतिरोध के कुछ प्रमुख आधार इस प्रकार हो सकते हैं-
1. वैश्वीकरण के विरोध का एक प्रमुख आधार यह माना जाता है कि इसके कारण विश्व
भर में एक समान लाभ नहीं हुआ है जहां एक और विकसित देशों ने वैश्वीकरण से बहुत
फायदा उठाया है तो वहीं दूसरी ओर विकासशील और पिछड़े देशों को वैश्वीकरण के कारण
कोई खास लाभ नहीं मिल पाया है।
2. वैश्वीकरण के प्रतिरोध का एक कारण यह भी माना जाता है कि इसके कारण विश्व
भर में पश्चिमी संस्कृति और सभ्यता को थोपा जा रहा है जिसके कारण विश्व के विभिन्न
देशों की मौलिक संस्कृति दूषित हुई है और उन को नुकसान पहुंचा है। दुनिया भर में
विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता वैश्वीकरण के विरोध के लिए इस सांस्कृतिक कारण को बढ़ा
आधार मानते हैं।
3. वैश्वीकरण के प्रतिरोध का एक बड़ा कारण यह भी माना जाता है कि वैश्वीकरण
के कारण राज्य के कल्याणकारी स्वरूप को नुकसान पहुंचा है और राज्य कल्याणकारी
कार्यों को छोड़कर अब केवल लाभ से संबंधित कार्य को ही प्राथमिकता दे रहा है जिसके
कारण काफी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं।
4. वैश्वीकरण के प्रतिरोध के लिए एक तर्क यह भी दिया जाता है कि वैश्वीकरण के
माध्यम से एक नए प्रकार के साम्राज्यवाद का उदय हो रहा है जिसमें बहुराष्ट्रीय
कंपनियां विभिन्न देशों में अपना कब्जा कर रही हैं और नियंत्रण स्थापित कर रही हैं।
प्रश्न
28.
इस बदलती दुनिया में मजबूत और पुनर्जीवित संयुक्त राष्ट्र वांछनीय
है। एक सशक्त संयुक्त राष्ट्र के लिए आवश्यक सुधारों पर प्रकाश डालिए।(1+1+1+1+1+1=6)
उत्तर. सयुक्त राष्ट्र संघ के अंतरराष्ट्रीय संगठन है और इस बदलती
दुनिया में एक मजबूत और उन्हें जीवित संयुक्त राष्ट्र संघ की अति आवश्यकता है। एक
मजबूत और शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र संघ के लिए कुछ प्रमुख आवश्यक सुधार इस प्रकार
हैं-
1. संयुक्त राष्ट्र संघ को सशक्त बनाने के लिए यह आवश्यक है कि संयुक्त
राष्ट्र संघ को अपनी सुरक्षा परिषद की संरचना में बदलाव करना चाहिए।
2. यदि हमें एक शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र संघ चाहिए तो इसके लिए हमें
संयुक्त राष्ट्र संघ की न्यायिक प्रणाली को भी सुधारने की आवश्यकता होगी और
संयुक्त राष्ट्र संघ की निर्णय प्रक्रिया को भी अधिक पारदर्शी बनाना होगा।
3. एक शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र संघ के लिए यह अति आवश्यक होगा कि संयुक्त
राष्ट्र संघ की बजट संबंधी नीतियों में भी बदलाव किया जाना चाहिए।
4. वर्तमान समय में यदि हमें संयुक्त राष्ट्र संघ में बदलाव लाना है और इसे
सशक्त बनाना है तो हमें संयुक्त राष्ट्र संघ को अधिक लोकतांत्रिक और प्रभावशाली
बनाना होगा।
5. इस बदलती दुनिया में यदि हमें संयुक्त राष्ट्र संघ को अधिक सशक्त बनाना है
तो यह अति आवश्यक है कि इसमें सभी देशों को शामिल किया जाए और विभिन्न प्रकार के
संघर्षों और गतिरोध को दूर करने के लिए अधिक शक्ति प्रदान की जाए।
6. यदि हमें संयुक्त राष्ट्र संघ को वास्तव में शक्तिशाली और सशक्त बनाना है
तो हमें संयुक्त राष्ट्र संघ को अमेरिका और अन्य विकसित देशों के दबाव से मुक्त करना होगा।
अथवा
संयुक्त
राष्ट्र सुरक्षा परिषद की संरचना का विश्लेषण कीजिए। आपकी राय में इसके स्थायी और
अस्थाई सदस्यों को दिए जाने वाले विशेषाधिकारों में मुख्य अंतर क्या है? (2+4=6)
उत्तर. सुरक्षा परिषद सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र संघ का एक
शक्तिशाली अंग है। सुरक्षा परिषद के अंतर्गत 15 सदस्य देश इसके सदस्य होते हैं जिनमें से पांच
सदस्य स्थाई सदस्य होते हैं और बाकी 10 सदस्यों को 2 वर्ष के लिए चुना जाता है। इन पांच स्थाई सदस्यों में अमेरिका ब्रिटेन
फ्रांस रूस और चीन शामिल है। बाकी के 10 अस्थाई सदस्य
प्रत्येक 2 वर्ष के लिए चुने जाते हैं और कोई भी सदस्य
सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य दोबारा भी बन सकता है लेकिन लगातार वह देश नहीं
चुना जा सकता।
सुरक्षा परिषद के स्थाई और अस्थाई सदस्यों के अधिकारों में अंतर-
1. सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों को वीटो शक्ति मिलती है जबकि बाकी के
10 सदस्यों को किसी भी प्रकार की कोई वीटो शक्ति प्राप्त
नहीं है।
2. संयुक्त राष्ट्र संघ के किसी भी मामले में इन 5 वीटो
शक्ति वाले सदस्य देशों का एक मत होना अति आवश्यक है जबकि बाकी के 10 सदस्यों के पास ऐसी कोई शक्ति नहीं है।
3. ऐसा कहा जा सकता है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद ये पांचों वीटो शक्ति
वाले देश बहुत ही शक्तिशाली और ताकतवर देशों की सूची में थे।
प्रश्न
29.
देशी रियासतों को भारतीय संघ में लाने के मुख्य कारणों की सूची
बनाइए। उस नेता का नाम बताइए जिसने इस दिशा में ऐतिहासिक भूमिका निभाई। उनका
योगदान क्या था?(3+1+2=6)
उत्तर. देसी रियासतों को भारतीय संघ में लाने के कई सारे उद्देश्य
थे। आजादी के बाद भारत को दो देशों में विभाजित कर दिया गया था और इसके साथ ही
देसी रियासतों को यह छूट दी गई थी कि वह किसी भी देश में शामिल हो सकते हैं या
स्वतंत्र भी रह सकते हैं। देसी रियासतों को भारत में शामिल करने के लिए निम्नलिखित
कारण दिए जा सकते हैं-
1. यदि इन देसी रियासतों को भारत में शामिल नहीं किया जाता तो भारत में कई
छोटे-छोटे देश विद्यमान होते।
2. आजादी के बाद एक अखंड और शक्तिशाली भारत का निर्माण बिना इन देसी रियासतों
के भारत में विलय के संभव नहीं था।
3. भारत सरकार आंतरिक और बाहरी क्षेत्रीय सीमाओं के संदर्भ में बहुत ही
चिंतित थी और भारत सरकार का यह प्रयास था कि किसी भी तरह की सीमा विवाद का संकट ना
बने।
सरदार वल्लभभाई पटेल इन देसी रियासतों के एकीकरण में बहुत ही
महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरदार वल्लभभाई पटेल स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री
और प्रथम उप प्रधानमंत्री भी थे। सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपनी सूझबूझ दूरदर्शिता
और राजनीतिक कौशल के माध्यम से इन 565 देसी रियासतों को भारत में शामिल कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सरदार वल्लभभाई पटेल ने प्रतीक देसी रियासत के राजा से स्वयं जाकर बातचीत की और हर
प्रकार के उपाय को अपनाकर उन्हें भारत में शामिल कराने के लिए राजी किया। सरदार
वल्लभभाई पटेल ने हर वह तरीका अपनाया जिसके माध्यम से इन देसी रियासतों को भारत
में शामिल किया जा सकता था। सरदार वल्लभ भाई पटेल की अनुपस्थिति में शायद यह कार्य
संभव ना हो पाता इसलिए हम इन देसी रियासतों के भारत में विलय के लिए सरदार
वल्लभभाई पटेल का सदैव आभार व्यक्त करते रहेंगे।
अथवा
भारत
की स्वतंत्रता के बाद राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना के तीन कारणों की विवेचना
कीजिए।(2+2+2=6)
उत्तर. स्वतंत्रता के बाद भारत में भाषा के आधार पर राज्यों के
पुनर्गठन की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही थी। आजादी से पहले कांग्रेस ने वर्ष 1920 के अधिवेशन में यह बात स्वीकार की थी कि आजादी
के बाद भारत में राज्यों का निर्माण भाषा के आधार पर किया जाएगा लेकिन आजादी के बाद
इस विषय पर किसी भी तरह की कोई चर्चा नहीं की जा रही थी जिसके कारण कांग्रेस के
कुछ नेता विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इन्हीं विरोध प्रदर्शन के कारण 56 दिन की उपवास के बाद पोट्टी श्रीरामलू का निधन हो गया जिसके बाद आंध्र
प्रदेश राज्य की मांग और तेजी से की जाने लगी और हिंसक प्रदर्शन भी प्रारंभ हो गए
अंततः भारत सरकार ने आंध्रप्रदेश राज्य के निर्माण की मांग मान ली लेकिन भविष्य
में इस प्रकार का कोई कदम ना उठाना पड़े इसके लिए एक राज्य पुनर्गठन आयोग की
स्थापना भी की।
राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना के लिए निम्नलिखित तीन कारण दिए जा
सकते हैं-
1. भारत में राज्यों के पुनर्गठन की आवश्यकता के लिए एक राज्य पुनर्गठन आयोग
की आवश्यकता थी जो भारत में राज्यों के पुनर्गठन को सुनिश्चित कर सके।
2. राज्य पुनर्गठन की आवश्यकता है इसलिए भी थी क्योंकि दक्षिण भारत में और
भारत के कुछ क्षेत्रों में भाषा के आधार पर राज्यों के निर्माण की मांग की जा रही
थी जो देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचा सकता था।
3. आजादी के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भाषा के आधार पर राज्यों के
निर्माण की योजना को ठंडे बस्ते में रख दिया था जिसके कारण कांग्रेस के कुछ नेता बहुत नाराज थे।
प्रश्न
30.
गठबंधन सरकार भारत में लोकतंत्र के लिए वरदान साबित हुई। तीन
प्रासंगिक तर्कों के साथ कथन का समर्थन करें।(2+2+2=6)
उत्तर. भारत में गठबंधन की सरकार लोकतंत्र के लिए बहुत ही फायदेमंद
रही है। इसके लिए हम निम्नलिखित तर्क दे सकते हैं-
1. वर्ष 1967 में कांग्रेस के विरोधी दलों को यह एहसास
हो गया था कि उनके अलग अलग होने के कारण ही कांग्रेस को चुनाव में जबरदस्त लाभ
प्राप्त होता है इसलिए 1967 के चुनाव में गैर कांग्रेस वाद
का नारा दिया गया और इसका फायदा भी मिला जिसके परिणाम स्वरूप भारत के 8 राज्यों में गैर कांग्रेसी सरकार बनी।
2. गठबंधन सरकार एक ऐसी सरकार होती है जिसमें दो या दो से अधिक राजनीतिक दल
मिलकर सरकार बनाते हैं ऐसे में किसी भी राजनीतिक दल को तानाशाही होने से रोका जा
सकता है।
3. गठबंधन सरकार भारत में लोकतंत्र के लिए वरदान साबित हुआ है जिसके कारण
भारत में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व सरकार निर्माण में अपना योगदान प्रदान
कर रहे हैं।
4. गठबंधन सरकार के कारण ही एक ऐसी सरकार बन पाई है जिसमें किसी एक व्यक्ति
की तानाशाही नहीं है बल्कि सभी निर्णय सामूहिक रूप से लिए जा रहे हैं।
अथवा
1980 के दशक
के अंत में तीन प्रमुख घटनाक्रमों का विश्लेषण करें जिन्होंने भारत की राजनीति पर
दीर्घकालिक प्रभाव डाला।(2+2+2=6)
उत्तर. 1980 के
दशक के अंत में कई ऐसी घटनाएं हुई जिन्होंने भारत की राजनीति पर दीर्घकालिक प्रभाव
डाला। इनमें से कुछ घटना इस प्रकार है-
1. 1980 के दशक के अंत में एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना सामने आई और जिसने भारत की
राजनीति को दीर्घकालिक रूप से प्रभावित किया। कांग्रेस का वर्चस्व अब टूट चुका था
और गठबंधन सरकार का उदय हो गया था।
2. मंडल मुद्दे ने देश की राजनीति पर गहरी छाप छोड़ी और मंडल आयोग की
सिफारिशों को लागू करने से भारत की राजनीति में बहुत बड़ा बदलाव आया। मंडल आयोग की
सिफारिश के आधार पर देश में 27% आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग के
लोगों को दे दिया गया जिसके कारण देशभर में विरोध प्रदर्शन भी हुए।
3. 1980 के दशक के अंत में एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना सामने आए जिसमें नई आर्थिक
नीति की घोषणा की गई और इसके माध्यम से उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण जैसी
प्रक्रियाओं को अपनाया गया। इस नई आर्थिक नीति ने भारत की राजनीति में एक
दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ा।
4. 1980 के दशक के अंत की एक महत्वपूर्ण घटना यह भी देगी इसी दशक में राजीव गांधी
की हत्या भी की गई थी। इस घटना ने भी भारत की राजनीति पर दीर्घकालिक प्रभाव डाला
और 1991 के चुनाव में कांग्रेस एक बहुत बड़ी राजनीतिक पार्टी
के रूप में सामने आई।