PRACTICE PAPER SOLVED
POLITICAL SCIENCE
CLASS-XII
TIME:3 Hours. M.M.-80
निर्देश:
(1) सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
(2) प्रश्न संख्या 1-16 प्रत्येक 1 अंक के बहुविकल्पीय प्रश्न हैं।
(3) प्रश्न संख्या 17-21 प्रत्येक 2 अंक के हैं। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 50 शब्दों से
अधिक नहीं होना चाहिए।
(4) प्रश्न संख्या 22-25 प्रत्येक 4 अंक का है। इन प्रत्येक प्रश्नों का उत्तर 100 शब्दों
से अधिक नहीं होना चाहिए।
(5) प्रश्न संख्या 26-28 पैसेज, कार्टून
और मानचित्र आधारित प्रश्न हैं। तदनुसार उत्तर दें।
(6) प्रश्न संख्या 29-32 प्रत्येक 6 अंक का है। इन प्रत्येक प्रश्नों का उत्तर 170 शब्दों
से अधिक नहीं होना चाहिए।
(7) 6 अंकों के प्रश्नों में आंतरिक विकल्प है।
SECTION-A
(16 – अंक)
प्रश्न
1. वर्ष
2009 में
शुरू
हुआ
अरब
स्प्रिंग
आंदोलन
किस
देश
से
प्रारंभ
हुआ
था?
A. लीबिया
B. सूडान
C. ईराक
D. ट्यूनीशिया
उत्तर. D. ट्यूनीशिया
प्रश्न
2. सोवियत
संघ
के
अंतिम
राष्ट्रपति
इनमें
से
कौन
थे?
A. बोरिस
येल्तसिन
B. मिखाईल
गोर्बाचोव
C. जोसेफ
स्टालिन
D. लियोनिद
ब्रेजनेव
उत्तर. B. मिखाईल गोर्बाचोव
प्रश्न
3. इनमें
से
कौन
सा
आसियान
का
स्तंभ
नहीं
है?
A. आर्थिक
स्तंभ
B. सुरक्षा
स्तंभ
C. सामाजिक
सांस्कृतिक
स्तंभ
D. सैन्य
स्तंभ
उत्तर. D. सैन्य स्तंभ
प्रश्न
4. इनमें
से
कौन
सा
देश
अब
यूरोपीय
संघ
का
सदस्य
नहीं
है?
A. फ्रांस
B. ब्रिटेन
C. इटली
D. लक्जमबर्ग
उत्तर. B. ब्रिटेन
प्रश्न
5. सुरक्षा
का
अर्थ
इनमें
से
क्या
है?
A. खतरे
से
आजादी
B. गरीबी
से
आजादी
C. युद्ध
ना
होना
D. शीत
युद्ध
उत्तर. A. खतरे से आजादी।
प्रश्न
6. इनमें
से
कौन
सा
आयोग
योजना
आयोग
का
उत्तराधिकारी
माना
जाता
है?
A. राष्ट्रीय
विकास
परिषद
B. नीति
आयोग
C. बौद्धिक
आयोग
D. चुनाव
आयोग
उत्तर. B. नीति आयोग।
प्रश्न
7. भारत
में
पहली
पंचवर्षीय
योजना
का
प्रारूप
किसने
तैयार
किया
था?
A. पी
सी
महालनोविस
B. के
सी
नियोगी
C. सुकुमार
सेन
D. के
एन
राज
उत्तर. D. के एन राज।
प्रश्न
8. निम्नलिखित
को
कलानुक्रमिक
क्रम
में
व्यवस्थित
करें।
A. ऑपरेशन
डेजर्ट
स्टॉर्म
B. ऑपरेशन
इन्फाईनाइट
रीच
C. ऑपरेशन
इराकी
फ्रीडम
D. ऑपरेशन
एंड्यूरिंग
फ्रीडम
(a) i), ii), iv), iii)
(b) ii), iii), iv), i)
(c) iii), ii), iv), i)
(d) i), iii), iv), ii)
उत्तर. (a) i), ii), iv), iii)
प्रश्न
9. वैश्विक
राजनीति
में
पर्यावरण
की
चिंता
करने
के
लिए
इनमें
से
कौन
सा
कारण
सही
नहीं
है?
A. पेयजल
की
कमी
B. समुद्र
तटीय
प्रदूषण
C. ओजोन
परत
में
छिद्र
D. हिंसा
का
माहोल
उत्तर. D. हिंसा का माहोल
प्रश्न
10. भाषा
के
आधार
पर
भारत
में
बना
पहला
राज्य
इनमें
से
कौन
सा
था?
A. कर्नाटक
B. महाराष्ट्र
C. आंध्र
प्रदेश
D. केरल
उत्तर. C. आंध्र प्रदेश।
प्रश्न
11. इनमें
से
किस
राज्य
में
सबसे
पहले
आम
चुनाव
हुए
थे?
A. असम
B. मेघालय
C. मणिपुर
D. केरल
उत्तर. C. मणिपुर।
प्रश्न
12. देसी
रियासतों
के
एकीकरण
में
महत्वपूर्ण
भूमिका
निभाने
वाले
नेता
इनमें
से
कौन
थे?
A. जवाहरलाल
नेहरू
B. महात्मा
गांधी
C. सीमांत
गांधी
D. सरदार
वल्लभभाई
पटेल
उत्तर. D. सरदार वल्लभभाई पटेल।
प्रश्न
13. निम्नलिखित
में
से
कौन
सा
देश
संयुक्त
राष्ट्र
संघ
की
सुरक्षा
परिषद
का
स्थाई
सदस्य
नहीं
है?
A. अमेरिका
B. रूस
C. भारत
D. चीन
उत्तर. C. भारत।
प्रश्न
14. एजेंडा
21 का
संबंध
इनमें
से
किस
क्षेत्र
से
हैं?
A. मानव
अधिकार
B. महिला
सुरक्षा
C. पोषण
एवं
विकास
D. पर्यावरण
उत्तर. D. पर्यावरण।
प्रश्न
15. इनमें
से
सबसे
पहले
किन
देशों
ने
सोवियत
संघ
से
अलग
होने
की
घोषणा
की
थी?
A. लिथुआनिया
लातविया
एस्टोनिया
B. लिथुआनिया
लातविया
रूस
C. लिथुआनिया
बेलारूस
एस्टोनिया
D. यूक्रेन
लातविया
एस्टोनिया
उत्तर. A. लिथुआनिया लातविया एस्टोनिया।
प्रश्न
16. दक्षिण
एशिया
के
किस
देश
में
जातिगत
संघर्ष
देखने
को
मिलता
है?
A. मालदीव
B. भारत
C. भूटान
D. श्रीलंका
उत्तर. D. श्रीलंका।
SECTION-B
(10 – अंक)
प्रश्न
17. दो
ध्रुवीय
विश्व
से
आप
क्या
समझते
हैं?
उत्तर. विश्व में जब शक्ति के 2 केंद्र होते हैं तो ऐसे विश्व को हम दो ध्रुवीय विश्व कहते हैं। वर्ष 1945 से वर्ष 1991 तक का काल दो ध्रुवीय विश्व का काल कहलाता है क्योंकि इस दौरान सोवियत संघ और अमेरिका दो महा शक्तियां विद्यमान थी।
प्रश्न
18. दक्षिण
एशिया
से
आप
क्या
समझते
हैं?
उत्तर. एशिया के दक्षिणी भाग को जिसमें भारत, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका और मालदीव शामिल होते हैं उसे दक्षिण एशिया के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न
19. अरब
क्रांति
के
दो
कारण
स्पष्ट
कीजिए।
उत्तर. अरब क्रांति के दो प्रमुख कारण इस प्रकार हैं -
1. अरब क्रांति मुख्य रूप से भ्रष्टाचार के विरोध में प्रारंभ हुई थी।
2. और क्रांति का एक प्रमुख कारण लोकतंत्र की मांग और तानाशाही शासन की समाप्ति भी था।
प्रश्न
20. सुरक्षा
के
केंद्रीय
मूल्य
से
आप
क्या
समझते
हैं?
उत्तर. संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता किसी भी देश के केंद्रीय मूल्य होते हैं और कोई बाहरी देश सैन्य हमले की धमकी देकर इनके लिए खतरा उत्पन्न करता है।
प्रश्न
21. आसियान
के
किन्ही
दो
उद्देश्यों
का
वर्णन
कीजिए।
उत्तर. आसियान के प्रमुख दो उद्देश्य इस प्रकार है -
1. आसियान सामाजिक प्रगति और सांस्कृतिक सहयोग प्राप्त करने के उद्देश्य से कार्य करता है।
2. यह संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के सिद्धांतों को मानता है और उसको बढ़ावा देता है।
SECTION-C
(16 – अंक)
प्रश्न
22. दक्षिण
एशिया
में
संघर्ष
और
तनाव
की
स्थिति
बनी
रहेगी।
स्पष्ट
कीजिए।
उत्तर. दक्षिण एशिया को संघर्ष संभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता रहेगा और इसके लिए बहुत सारे कारण जिम्मेदार हैं जिसमें से कुछ इस प्रकार हैं -
1. भारत और पाकिस्तान के तनावपूर्ण संबंध दक्षिण एशिया को संघर्ष संभावित क्षेत्र बनाए रखते हैं।
2. दक्षिण एशिया की राजनीति में चीन और अमेरिका की लगातार बढ़ती भागीदारी दक्षिण एशिया को तनावपूर्ण और संघर्ष संभावित क्षेत्र बनाए रखती है।
3. पाकिस्तान के साथ चीन की नजदीकियां भी दक्षिण एशिया की शांति व्यवस्था में बाधा उत्पन्न करती हैं और इस क्षेत्र के माहौल को तनावपूर्ण बनाए रखती हैं।
4. भारत का एक शक्तिशाली देश के रूप में उभर कर सामने आना और विश्व की सर्वाधिक शक्तिशाली अर्थव्यवस्था के रूप में आना भी अन्य देशों के लिए आशंकित दृष्टिकोण उत्पन्न करता है।
प्रश्न
23. 21वीं
सदी
में
इजरायल
शक्ति
का
एक
नया
केंद्र
बनकर
सामने
आया
है।
क्या
आप
इस
कथन
से
सहमत
हैं? यदि
हां
तो
अपने
उत्तर
के
पक्ष
में
तर्क
दीजिए।
उत्तर. 21वीं सदी में इजराइल के शक्ति के नए केंद्र के रूप में उभरकर के सामने आने के कारकों को हम निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं -
1. 21वीं सदी में इजरायल शक्ति का एक नया केंद्र बनकर के उभरा है और इस की सैन्य क्षमता बहुत ही बेजोड़ है। विश्व की सर्वाधिक शक्तिशाली सैन्य क्षमताओं में इजरायल का प्रमुख स्थान है।
2. 21वीं सदी में इजरायल के शक्ति के नए रूप में स्थापित होने के लिए इस की औद्योगिक नीति और तकनीकी नवाचार ने भी काफी मदद की है।
3. 21वीं सदी में इजरायल के शक्ति के नए केंद्र के रूप में स्थापित होने के लिए इसकी अर्थव्यवस्था का बहुत ही मजबूत होना भी एक महत्वपूर्ण कारक रहा है।
4. 21वीं सदी में इजरायल के शक्ति के नए केंद्र के रूप में उभर कर के सामने आने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इसकी अद्भुत क्षमता ने भी बहुत बड़ा योगदान दिया है।
प्रश्न
24. पाकिस्तान
में
लोकतंत्र
की
असफलता
के
लिए
प्रमुख
कारकों
की
पहचान
कीजिए।
उत्तर. पाकिस्तान में लोकतंत्र की सफलता के लिए बहुत से कारण जिम्मेदार हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार है -
1. पाकिस्तान में लोकतंत्र की और विफलता के लिए एक महत्वपूर्ण कारक यहां की राजनीति में सेना के हस्तक्षेप को माना जाता है। सेना सरकार के कार्यों में काफी हद तक दख़ल देती है।
2. पाकिस्तान में लोकतंत्र की विफलता का एक बड़ा कारण यह भी है कि भारत और पाकिस्तान के तनावपूर्ण संबंध यहां की निर्वाचित सरकार पर स्पष्ट रूप से दबाव बनाते हैं और इस कारण से सेना का हस्तक्षेप भी शासन कार्य में बढ़ जाता है।
3. पाकिस्तान में लोकतंत्र की विफलता के लिए एक यह कारण भी जिम्मेदार है कि यहां पर अमेरिका ने अपने निजी स्वार्थ के कारण सेना को बढ़ावा दिया है और निर्वाचित सरकार को कमजोर करने में सहायता की है।
4. पाकिस्तान में लोकतंत्र की विफलता के लिए यहां पर धर्म गुरु और बड़े बड़े भूस्वामी भी जिम्मेदार हैं जो सामाजिक दबाव बनाकर सरकार को कार्य करने के लिए प्रभावित करते हैं।
अथवा
प्रश्न
. वैश्वीकरण
के
किन्हीं
चार
आर्थिक
परिणामों
की
व्याख्या
कीजिए।
उत्तर. वैश्वीकरण एक बहुआयामी प्रक्रिया है जिसके आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक परिणाम देखने को मिले हैं। इसके कुछ आर्थिक प्रभाव इस प्रकार है -
1. वैश्वीकरण के कारण वैश्विक स्तर पर आयात प्रतिबंधों में कमी देखने को मिली है विश्व के विभिन्न देशों ने आयातों पर लगे प्रतिबंधों को कम किया है।
2. वैश्वीकरण के आर्थिक प्रभाव को हम इस तरह से भी देख सकते हैं कि इसके कारण विश्व व्यापार में बहुत तेजी से वृद्धि देखने को मिली है। विश्व का व्यापार अब बहुत अधिक मात्रा में होने लगा है।
3. वैश्वीकरण के आर्थिक प्रभावों में एक प्रभाव यह भी है कि इसके अंतर्गत पूंजी और श्रम का असमान प्रवाह देखने को मिलता है। विकसित देश अपनी पूंजी का निवेश विकासशील देशों में आसानी से कर लेते हैं लेकिन विकासशील देश अपने श्रम का प्रवाह विकसित देशों में उतनी सरलता से नहीं कर पाते।
4. वैश्वीकरण का एक आर्थिक प्रभाव यह भी देखने को मिला है कि इसके कारण विश्व में आर्थिक असमानता में वृद्धि आई है। जहां एक और कई देशों ने वैश्वीकरण से काफी लाभ कमाया है वहीं दूसरी तरफ विश्व के बहुत से देशों को वैश्वीकरण का पर्याप्त लाभ प्राप्त नहीं हुआ है।
प्रश्न
25. यूरोपीय
संघ
किस
प्रकार
से
एक
प्रभावशाली
संगठन
है? स्पष्ट
कीजिए।
उत्तर. यूरोपीय संघ विश्व का एक सर्वाधिक प्रभावशाली क्षेत्रीय संगठन बनकर सामने आया है और इसके लिए बहुत से कारण जिम्मेदार हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं -
1. यूरोपीय संघ एक प्रभावशाली संगठन इसलिए भी बन जाता है क्योंकि वर्ष 2005 तक यूरोपीय संघ विश्व की सर्वाधिक बड़ी अर्थव्यवस्था था। वर्तमान समय में भी यूरोपीय संघ की अर्थव्यवस्था काफी विशाल है।
2. यूरोपीय संघ एक प्रभावशाली संगठन इसलिए भी है क्योंकि यूरोपीय संघ का एक देश फ्रांस संयुक्त राष्ट्र संघ में वीटो शक्ति वाला देश है और इसके साथ ही परमाणु शक्ति संपन्न देश भी है।
3. यूरोपीय संघ को एक प्रभावशाली संगठन इसलिए भी कहा जा सकता है क्योंकि इस संगठन का अपना राष्ट्रगान, ध्वज और एक साझा मुद्रा भी है।
4. यूरोपीय संघ विश्व का एक प्रभावशाली संगठन है और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में इसका अपना एक अलग स्थान है और यह संगठन विश्व राजनीति में हस्तक्षेप करने में सक्षम है।
SECTION-D
(14 – अंक)
प्रश्न
26. निम्नलिखित
अवतरण
को
ध्यान
से
पढ़िए
और
नीचे
लिखे
प्रश्नों
के
उत्तर
दीजिए।
विकास के दो जाने-माने मॉडलों में से भारत ने किसी को नहीं अपनाया। दोनों ही मॉडलों की कुछ एक बातों को ले लिया गया और अपने देश में इन्हें मिले-जुले रूप में लागू किया गया। इसी कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को मिश्रित अर्थव्यवस्था कहा जाता है।
(i) विकास
के
दो
मॉडलों
के
नाम
लिखिए।
उत्तर. पूंजीवादी और समाजवादी।
(ii) भारत
ने
दोनों
मॉडलों
में
से
किसी
एक
को
भी
पूर्णतया
स्वीकार
क्यों
नहीं
किया? प्रत्येक
के
लिए
कम
से
कम
एक
एक
कारण
दीजिए।
उत्तर. भारत में बहुत सारे लोग अमेरिका के मॉडल के विरूद्ध थे क्योंकि इस बात पर आम सहमति थी कि विकास को निजी हाथों में नहीं छोड़ा जा सकता और सरकार को अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां भी निभानी पड़ेगी। वहीं दूसरी तरफ विकास के समाजवादी मॉडल को भी नहीं अपनाया गया क्योंकि देश को तेजी से विकास करना था और सरकार पूरी तरह से हस्तक्षेप करती तो शायद यह संभव नहीं होता।
(iii) भारत
की
मिश्रित
अर्थव्यवस्था
की
दो
विशेषताओं
का
वर्णन
कीजिए।
उत्तर. भारत की मिश्रित अर्थव्यवस्था की दो विशेषताएं निम्नलिखित हैं -
1. भारत ने बड़े बड़े उद्योगों को अपने नियंत्रण में रखा था।
2. भारत में कई क्षेत्रों को स्वतंत्र छोड़ा गया था जिससे कि उनका तेजी से विकास हो सके।
27. नीचे
दिए
गए
कार्टून
को
देखिए
और
निम्नलिखित
प्रश्नों
के
उत्तर
दीजिए।
(i) चित्र में कौन-कौन सी समस्याएं दिखाई गई हैं?
उत्तर. चित्र में आतंकवाद और प्राकृतिक आपदा से जुड़ी समस्याएं दिखाई गई हैं।
(ii) क्या इन समस्याओं के अलावा भी अन्य समस्याएं हैं?
उत्तर. हां इन समस्याओं के अलावा भी बहुत सी समस्याएं हैं जैसे मानव अधिकार का हनन, वैश्विक निर्धनता, शरणार्थियों की समस्या, महामारी आदि।
(iii) इन समस्याओं से दुनिया कैसे निपट सकती है?
उत्तर. इन समस्याओं से निपटने के लिए विश्व को सैन्य शक्ति की जगह आपसी सहयोग और विश्वास पर कार्य करना होगा। आतंकवाद से लड़ाई के लिए सैन्य शक्ति की आवश्यकता पड़ सकती है लेकिन प्राकृतिक आपदा, महामारी, वैश्विक निर्धनता, मानव अधिकार इन सब के लिए विश्व के सभी देशों को परस्पर सहयोग करना होगा।
प्रश्न
28. भारत
के
दिए
गए
रेखा
मानचित्र
में
पांच
राज्यों
को
A, B, C, D, और
E द्वारा
दर्शाया
गया
है।
नीचे
दी
गई
जानकारी
के
आधार
पर
इन
पांच
राज्यों
की
पहचान
कीजिए
और
अपनी
उत्तर
पुस्तिका
में
उनके
सही
नाम, प्रयोग
की
गई
जानकारी
की
क्रम
संख्या
तथा
संबंधित
अक्षर
नीचे
दी
गई
तालिका
के
रूप
में
लिखिए।
प्रयोग की गई जानकारी की क्रम संख्या |
संबंधित अक्षर |
राज्य का नाम |
(i) |
|
|
(ii) |
|
|
(iii) |
|
|
(iv) |
|
|
(v) |
|
|
(i) वह
राज्य
जिसने
भारतीय
संघ
में
विलय
का
विरोध
किया।
(ii) वह
राज्य
जिसे
1972 में
असम
से
काटकर
बनाया
गया।
(iii) वह
राज्य
जहां
भारतीय
कम्युनिस्ट
पार्टी
ने
1957 में
सरकार
बनाई।
(iv) 1966 में
बनाया
गया
एक
राज्य।
(v) वह राज्य जो अमूल नाम के अंतर्गत डेयरी सहकारी आंदोलन से जुड़ा हुआ है।
उत्तर.
प्रयोग की गई जानकारी की क्रम संख्या |
संबंधित अक्षर |
राज्य का नाम |
(i) |
D |
मणिपुर |
(ii) |
C |
मेघालय |
(iii) |
B |
केरल |
(iv) |
A |
हरियाणा |
(v) |
E |
गुजरात |
(24 – अंक)
प्रश्न 29. नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर. नेपाल दक्षिण एशिया एशिया का एक छोटा सा शांतिप्रिय देश है। नेपाल में प्रारंभ से ही राजतंत्र स्थापित रहा था लेकिन 1990 के बाद से नेपाल में लोकतंत्र की मांग शुरू हो गई थी जोकि वर्ष 2006 में जाकर पूर्ण हुई। नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना की प्रक्रिया को हम निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं-
1. नेपाल में संवैधानिक राजतंत्र स्थापित था और देश में लोग अधिक खुले और उत्तरदाई शासन की मांग करते रहे थे लेकिन राजा ने सेना की मदद से शासन पर पूरा नियंत्रण कर लिया था और लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित नहीं होने दी थी।
2. वर्ष 1990 में नेपाल में लोकतंत्र के समर्थन में आंदोलन शुरू हुआ और इस आंदोलन के कारण राजा ने संविधान की मांग को मान लिया तथा वहीं दूसरी तरफ नेपाल में माओवादियों ने अपना प्रभाव जमाना शुरू कर दिया था।
3. माओवादी राजा और सत्ताधारी अभिजन के विरोध में थे। इसलिए राजा की सेना, माओवादियों और लोकतंत्र समर्थकों के बीच त्रिकोणीय संघर्ष हुआ जिसके परिणाम स्वरूप वर्ष 2002 में राजा ने संसद को भंग कर दिया और सरकार को बर्खास्त कर दिया।
4. वर्ष 2006 में नेपाल में देशव्यापी लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन हुए और लोकतंत्र के समर्थकों को तब पहली जीत प्राप्त हुई जब राजा ज्ञानेंद्र ने संसद को पुनः बहाल कर दिया जिसे की वर्ष 2002 में भंग कर दिया गया था इस आंदोलन का नेतृत्व 7 दलों ने मिलकर किया।
5. नेपाल में 2008 में राजतंत्र पर पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया और नेपाल को एक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया तथा वर्ष 2015 में नेपाल में नए संविधान को भी अपना लिया गया है। माओवादियों ने संघर्ष का रास्ता छोड़कर सरकार में अपना प्रतिनिधित्व स्वीकार कर लिया है और नेपाल के विकास के लिए समर्पण की भावना दिखाई है।
अथवा
प्रश्न . वैश्वीकरण के किन्ही दो सकारात्मक और किन्ही दो नकारात्मक प्रभावों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर. वैश्वीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें वस्तु पूंजी श्रम और विचारों का मुक्त प्रवाह होता है। वैश्वीकरण के संपूर्ण विश्व पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं जो कि इस प्रकार हैं-
वैश्वीकरण के सकारात्मक प्रभाव - वैश्वीकरण के कुछ प्रमुख सकारात्मक प्रभाव इस प्रकार है -
1. वैश्वीकरण के कारण संपूर्ण विश्व में व्यापार में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिली है अर्थात वैश्वीकरण के कारण एक यह लाभ हुआ है जिसके कारण सभी देशों का व्यापार पहले की तुलना में काफी अधिक हो गया है।
2. वैश्वीकरण के कारण एक प्रभाव यह भी देखने को मिला है कि इसके कारण लोगों के जीवन स्तर में पहले की तुलना में जबरदस्त बदलाव देखने को मिला है। लोगों का जीवन स्तर पहले की तुलना में बहुत अधिक अच्छा हुआ है जो वैश्वीकरण के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है।
3. वैश्वीकरण का एक सकारात्मक प्रभाव यह भी देखने को मिला है कि अब लोगों के समक्ष वस्तुओं के और खाने-पीने के विकल्पों की संख्या में वृद्धि हो गई है। वैश्वीकरण के पूर्व वस्तु और खाने-पीने के विकल्प सीमित मात्रा में होते थे।
वैश्वीकरण के नकारात्मक प्रभाव - वैश्वीकरण एक बहुआयामी प्रक्रिया है इसके विभिन्न प्रभाव होते हैं। वैश्वीकरण के कुछ नकारात्मक प्रभाव इस प्रकार है
1. वैश्वीकरण के कारण आर्थिक असमानता में निरंतर वृद्धि देखने को मिली है। विश्व के कई देशों में वैश्वीकरण के कारण आर्थिक असमानता बहुत तेजी से बढ़ी है अर्थात अमीर अधिक अमीर होते गए और गरीब अधिक गरीब होते गए हैं।
2. वैश्वीकरण के नकारात्मक प्रभाव यह भी देखने को मिला है कि इसके कारण श्रम और पूंजी का समान प्रवाह नहीं हुआ है अर्थात विकसित देशों ने पूंजी निवेश में तो फायदा उठाया है लेकिन कठोर वीजा नीति के माध्यम से श्रम के प्रवाह को रोका है।
3. वैश्वीकरण का एक नकारात्मक प्रभाव यह भी देखने में आया है कि इसके कारण बड़ी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आगमन के कारण छोटे-छोटे व्यापारियों और कंपनियों को भारी मात्रा में नुकसान उठाना पड़ा है और लगभग बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं।
प्रश्न 30. सोवियत संघ के विघटन के प्रमुख कारणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर. सोवियत संघ वर्ष 1917 में साम्यवादी क्रांति के बाद अस्तित्व में आया था और वर्ष 1991 में सोवियत संघ का विघटन 15 गणराज्य में हो गया जिसके लिए बहुत से कारण जिम्मेदार थे जिनमें से कुछ इस प्रकार है -
1. सोवियत संघ के विघटन के लिए एक बहुत ही जिम्मेदार कारण यह था कि सोवियत संघ ने अपने समस्त संसाधनों को हथियारों के निर्माण में लगा दिया था और जिसके कारण उसका बहुत बड़ा बजट हथियारों के निर्माण में लग रहा था और वह धीरे-धीरे पीछे होता जा रहा था।
2. सोवियत संघ के विघटन का एक महत्वपूर्ण कारण यह भी था कि सोवियत संघ ने अपनी तकनीक को उन्नत करना छोड़ दिया था और वह पश्चिम के देशों से पीछे होता जा रहा था और इस तकनीकी पिछड़ेपन का सोवियत संघ को काफी नुकसान उठाना पड़ा।
3. सोवियत संघ में साम्यवादी पार्टी की तानाशाही ने भी सोवियत संघ के विघटन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। क्योंकि सोवियत संघ में किसी दूसरे राजनीतिक दल का अस्तित्व नहीं था इसलिए साम्यवादी पार्टी में मनमाने फैसले लिए जाते थे और उन्हें जनता पर थोप दिया जाता था।
4. सोवियत संघ के विघटन का एक महत्वपूर्ण कारण यह भी था कि सोवियत संघ के कई गणराज्य अब संप्रभु और स्वतंत्र होना चाहते थे और इस संप्रभुता की मांग ने सोवियत संघ के विघटन को अपरिहार्य बना दिया।
5. सोवियत संघ के विघटन के लिए एक जिम्मेदार कारण यह भी था कि सोवियत संघ में नौकरशाही का शिकंजा धीरे धीरे बढ़ता ही जा रहा था और इस शिकंजे से जनता बहुत परेशान हो चुकी थी और वह अब स्वतंत्र होना चाहती थी।
6. सोवियत संघ के विघटन के लिए एक कारण यह भी जिम्मेदार माना जा सकता है कि सोवियत संघ के सभी गणराज्य में रूस सबसे अधिक शक्तिशाली और वर्चस्व शाली था तथा बाकी गणराज्य को उतनी प्रमुखता नहीं दी जाती थी।
7. मिखाईल गोर्बाचोव के द्वारा किए गए सुधारों का विरोध भी सोवियत संघ के विघटन के लिए एक जिम्मेदार कारण माना जा सकता है सोवियत संघ के पुनर्निर्माण के लिए जिन सिद्धांतों को मिखाईल गोर्बाचोव ने लागू किया था उन सिद्धांतों का साम्यवादी पार्टी के ही कुछ लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया था।
अथवा
प्रश्न . पर्यावरण की चिंता वैश्विक राजनीति का विषय क्यों बनना चाहिए? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर. वर्तमान समय में पर्यावरण विश्व राजनीति का हिस्सा बन चुका है और वैश्विक राजनीति में पर्यावरण एक बहुत बड़ा मुद्दा उभर कर सामने आया है क्योंकि जिस तरह से पर्यावरण में बदलाव हो रहा है और पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता जा रहा है वह समस्त विश्व को प्रभावित कर रहा है। वैश्विक राजनीति में पर्यावरण की चिंता करने के लिए निम्नलिखित तर्क दिए जा सकते हैं -
1. वैश्विक राजनीति में पर्यावरण की चिंता इसलिए की जानी चाहिए क्योंकि निरंतर तेजी से चारागाह का खत्म होना एक बहुत बड़ी समस्या बन गया है और इस समस्या से विश्व के अधिकांश देश जूझ रहे हैं।
2. विश्व के अधिकांश देशों में पीने के पानी की विकराल समस्या उत्पन्न हो चुकी है और इन देशों में लोगों के लिए साफ पीने का पानी उपलब्ध बहुत मुश्किल से हो पा रहा है और यह विश्व की एक बहुत बड़ी समस्या है जिसका समाधान विश्व के सभी देशों को मिलकर निकालना ही पड़ेगा।
3. वैश्विक राजनीति में पर्यावरण की चिंता इसलिए भी की जाती है क्योंकि वैश्विक तापन के कारण हमारे पर्यावरण में बहुत बदलाव आया है और पृथ्वी का तापमान धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है जिसके कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं और विश्व के बहुत से देश नष्ट होने के कगार पर हैं। वैश्विक तापन ने जीव जंतुओं और वनस्पति को भी पर्याप्त नुकसान पहुंचाया है।
4. विश्व के सभी देशों ने विकास के नाम पर जिस तेजी से पर्यावरण को प्रदूषित किया है उसके कारण साफ हवा की उपलब्धता एक बहुत बड़ी समस्या बन गया है। वर्तमान समय में विश्व की वायु में बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है और कार्बन की बढ़ती मात्रा में पर्यावरण में बहुत ही नकारात्मक परिवर्तन किया है।
5. वैश्विक राजनीति में पर्यावरण की चिंता इसलिए की जाती है क्योंकि विश्व के अधिकांश क्षेत्रों में कृषि योग्य भूमि में कोई वृद्धि दर्ज नहीं हुई है बल्कि कृषि भूमि में कमी आई है और इसके कारण अनाजों के उत्पादन पर नकारात्मक असर देखने को मिला है। जिस तेजी से विश्व की जनसंख्या बढ़ी है उतनी तेजी से कृषि योग्य भूमि में विकास देखने को नहीं मिला है और यह एक बहुत बड़ी समस्या है।
6. वैश्विक राजनीति में पर्यावरण की चिंता इसलिए भी की जाती है क्योंकि हमारे सामने एक बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हुई है जिसे हम ओजोन परत में छिद्र के नाम से जानते हैं। ओजोन परत का महत्व हम बहुत अच्छी तरह से जानते हैं और उसमें अंटार्कटिका में हुए क्षेत्र के कारण संपूर्ण विश्व के सामने एक बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है जो पृथ्वी पर जीव जंतुओं और वनस्पतियों और इसके साथ ही मानव जाति के अस्तित्व के लिए खतरा है।
प्रश्न 31. वर्तमान समय में संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रासंगिकता का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर. वर्तमान समय में संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रासंगिकता : संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना संपूर्ण विश्व को तृतीय विश्व युद्ध से बचाने के लिए और विश्व में शांति व्यवस्था स्थापित करने के लिए की गई थी। वर्तमान समय में संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रासंगिकता को हम निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं:
1. वर्तमान समय में भी संयुक्त राष्ट्र संघ एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो अंतरराष्ट्रीय शांति व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कार्य कर रहा है।
2. अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए भी संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रासंगिकता वर्तमान समय में भी नितांत आवश्यक है। संयुक्त राष्ट्र संघ विभिन्न सदस्य देशों के बीच आर्थिक संबंधों को सुधारने का कार्य कर रहा है।
3. वर्तमान समय में संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रासंगिकता को हम इस तरह से भी समझ सकते हैं कि यह विश्व में हथियारों की होड़ को रोकने और निशस्त्रीकरण की नीति को क्रियान्वित करने में एक महत्वपूर्ण संगठन के रूप में कार्य कर रहा है।
4. संयुक्त राष्ट्र संघ में वर्तमान समय में और भी अधिक प्रासंगिक है क्योंकि वर्तमान समय में परमाणु निशस्त्रीकरण की नितांत आवश्यकता है और विभिन्न देश परमाणु शक्ति संपन्नता के लिए प्रयास भी कर रहे हैं जो संपूर्ण विश्व के लिए भयानक हो सकता है।
5. संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रासंगिकता को हम इस तरह भी समझ सकते हैं कि वर्तमान समय में आने वाली विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं और महामारियो का मुकाबला कोई भी देश अकेले नहीं कर सकता इसलिए हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन आपदा और महामारी का मुकाबला करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की आवश्यकता है।
6. वर्तमान समय में भी संयुक्त राष्ट्र संघ एक प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय संगठन है क्योंकि यह संगठन संपूर्ण विश्व को तृतीय विश्व युद्ध से बचाने में निर्णायक भूमिका का निर्वहन कर रहा है और यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रयासों के कारण ही अभी तक विश्व तीसरे विश्व युद्ध से बचा हुआ है।
7. संयुक्त राष्ट्र संघ वर्तमान समय में इसलिए भी एक प्रासंगिक संगठन है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र संघ ही एक ऐसा संगठन है जो अमेरिकी वर्चस्व को चुनौती देने की क्षमता रखता है।
अथवा
प्रश्न. आज़ादी के समय भारत को किन तीन प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
उत्तर. भारत को वर्ष 1947 में आजादी प्राप्त हुई और भारत को आजाद होते ही कुछ प्रमुख चुनौतियों का सामान भी करना पड़ा। जिन परिस्थितियों में हमें आजादी मिली थी वे काफी प्रतिकूल थीं। स्वतंत्रता के समय भारत को निम्नलिखित चुनौतियों का सामना करना पड़ा था-
1. एकता और अखंडता को बनाने की चुनौती - स्वतंत्रता के समय भारत को एकता और अखंडता को बनाए रखने की एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। स्वतंत्रता के समय भारत को सर्वप्रथम विभाजन का सामना करना पड़ा और इसके बाद भारत को 565 देसी रियासतों को भारतीय संघ में शामिल करने और भारत के सभी राज्यों को भारत में जोड़े रखने और एक अखंड भारत के निर्माण का बड़ा कार्य करना था। दक्षिण भारत में नए राज्यों की मांग और भारत के अन्य क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के अलगाववादी आंदोलन के कारण भारत की क्षेत्रीय अखंडता और एकता संकट में थी। भारत की सांस्कृतिक विविधता और भाषा के आधार पर लोगों में काफी अंतर था ऐसे में सभी भारतीयों को एकजुट करना और एकता के सूत्र में बांधना एक बड़ा प्रश्न था।
2. लोकतंत्र स्थापित करना - स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत ने अपना संविधान लागू किया और संविधान में भारत को एक लोकतांत्रिक देश घोषित किया। भारतीय संविधान में यह बात तय कर दी गई कि शासन का स्वरूप लोकतांत्रिक होगा और भारत में संसदीय शासन व्यवस्था अपनाई जाएगी। भारत के सभी लोगों को मौलिक अधिकारों की गारंटी दी गई और वयस्क मताधिकार की व्यवस्था भी की गई। इस तरह यह बात तो तय हो गई कि भारत में संसदीय शासन व्यवस्था के आधार पर प्रतिनिधि लोकतंत्र स्थापित होगा लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न यह था कि भारत के प्रत्येक भाग में इस लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्थापित कैसे किया जाए और किस प्रकार से भारत के लोगों को लोकतांत्रिक शासन प्रणाली से परिचित कराया जाए और उनकी भागीदारी को सुनिश्चित किया जा सके।
3. समानता पर आधारित विकास की चुनौती - स्वतंत्रता के समय भारत के समक्ष एक सर्वाधिक बड़ी चुनौती समानता पर आधारित समस्त जनता के विकास की चुनौती के रूप में सामने आई। विकास की नीतियां इस प्रकार निर्धारित होनी चाहिए जिससे समाज के किसी एक वर्ग का भला ना हों बल्कि समस्त समाज का कल्याण हो सके। भारतीय संविधान में यह बात तय कर दी गई थी कि देश में सभी के साथ समानता का व्यवहार हो और सामाजिक रूप से वंचित तथा धार्मिक सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों को विशेष सुरक्षा भी दी जाए।
भारतीय संविधान में राज्य के नीति निर्देशक तत्वों के माध्यम से समाज के लोक कल्याणकारी सिद्धांतों की व्यवस्था भी कर दी थी जिससे कि सरकार समय-समय पर इन सिद्धांतों को लागू करके लोक कल्याण के कार्य को पूर्ण करती रहे। स्वतंत्रता के समय अब सरकार के समक्ष एक बड़ी चुनौती यह थी कि विकास की रणनीतियां को किस प्रकार तय किया जाए जिससे कि विभाजन के बाद हुई त्रासदी के कारण किसी एक वर्ग का विकास ही ना हो बल्कि इन योजनाओं से समाज के सभी वर्गों का विकास समान रूप से संभव हो सके।
प्रश्न 32. सोवियत संघ के विघटन के प्रमुख कारणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर. सोवियत संघ वर्ष 1917 में साम्यवादी क्रांति के बाद अस्तित्व में आया था और वर्ष 1991 में सोवियत संघ का विघटन 15 गणराज्य में हो गया जिसके लिए बहुत से कारण जिम्मेदार थे जिनमें से कुछ इस प्रकार है -
1. सोवियत संघ के विघटन के लिए एक बहुत ही जिम्मेदार कारण यह था कि सोवियत संघ ने अपने समस्त संसाधनों को हथियारों के निर्माण में लगा दिया था और जिसके कारण उसका बहुत बड़ा बजट हथियारों के निर्माण में लग रहा था और वह धीरे-धीरे पीछे होता जा रहा था।
2. सोवियत संघ के विघटन का एक महत्वपूर्ण कारण यह भी था कि सोवियत संघ ने अपनी तकनीक को उन्नत करना छोड़ दिया था और वह पश्चिम के देशों से पीछे होता जा रहा था और इस तकनीकी पिछड़ेपन का सोवियत संघ को काफी नुकसान उठाना पड़ा।
3. सोवियत संघ में साम्यवादी पार्टी की तानाशाही ने भी सोवियत संघ के विघटन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। क्योंकि सोवियत संघ में किसी दूसरे राजनीतिक दल का अस्तित्व नहीं था इसलिए साम्यवादी पार्टी में मनमाने फैसले लिए जाते थे और उन्हें जनता पर थोप दिया जाता था।
4. सोवियत संघ के विघटन का एक महत्वपूर्ण कारण यह भी था कि सोवियत संघ के कई गणराज्य अब संप्रभु और स्वतंत्र होना चाहते थे और इस संप्रभुता की मांग ने सोवियत संघ के विघटन को अपरिहार्य बना दिया।
5. सोवियत संघ के विघटन के लिए एक जिम्मेदार कारण यह भी था कि सोवियत संघ में नौकरशाही का शिकंजा धीरे धीरे बढ़ता ही जा रहा था और इस शिकंजे से जनता बहुत परेशान हो चुकी थी और वह अब स्वतंत्र होना चाहती थी।
6. सोवियत संघ के विघटन के लिए एक कारण यह भी जिम्मेदार माना जा सकता है कि सोवियत संघ के सभी गणराज्य में रूस सबसे अधिक शक्तिशाली और वर्चस्वशाली था तथा बाकी गणराज्य को उतनी प्रमुखता नहीं दी जाती थी।
7. मिखाईल गोर्बाचोव के द्वारा किए गए सुधारों का विरोध भी सोवियत संघ के विघटन के लिए एक जिम्मेदार कारण माना जा सकता है सोवियत संघ के पुनर्निर्माण के लिए जिन सिद्धांतों को मिखाईल गोर्बाचोव ने लागू किया था उन सिद्धांतों का साम्यवादी पार्टी के ही कुछ लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया था।
अथवा
प्रश्न 6. चीनी अर्थव्यवस्था की उन्नति के लिए उत्तरदाई कारकों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर. चीन वर्तमान समय में विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। चीन बहुत तेजी से आर्थिक विकास करता जा रहा है और एक अनुमान के अनुसार आने वाले कुछ वर्षों में यह विश्व की सबसे बड़ी और विकसित अर्थव्यवस्था बन जाएगा। चीनी अर्थव्यवस्था के उन्नति के लिए कुछ कारक इस प्रकार जिम्मेदार हैं-
1. चीन ने वर्ष 1972 में अमेरिका से अपने संबंधों को अच्छा करने का प्रयास किया तथा अपने राजनीतिक और आर्थिक एकांतवास को समाप्त किया और इस नीति से चीन ने अपने आर्थिक विकास को काफी तेजी से आगे बढ़ाया।
2. वर्ष 1973 में प्रधानमंत्री चाउ एन लाई ने कृषि उद्योग सेवा और विज्ञान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आधुनिकीकरण के चार प्रस्ताव रखें। इस आधुनिकीकरण के प्रस्ताव के बाद चीन ने अपना विकास काफी तेजी से करना शुरू किया।
3. चीन का आर्थिक विकास वर्ष 1978 में डेंग शियाओपिंग के द्वारा आर्थिक सुधार और खुले द्वार की नीति के बाद काफी तेजी से होना शुरू हुआ। वर्ष 1978 की खुले द्वार की नीति ने चीन के आर्थिक विकास की गति को काफी तेजी से बढ़ाना शुरू किया और उसके परिणाम हम आज भी देख रहे हैं।
4. वर्ष 1982 में चीन में खेती का निजीकरण कर दिया गया और इसके कारण चीन में कृषि के क्षेत्र में काफी तेजी से विकास देखने को मिला जिसने देश के विकास में भी काफी योगदान दिया।
5. वर्ष 1998 में चीन में उद्योगों का निजीकरण किया गया। इसके साथ ही चीन में विशेष आर्थिक जोन बनाए गए जिनका उद्देश्य विदेशी निवेश को बढ़ावा देना था और देश के विकास को तीव्र करना था।
6. चीन ने अपने आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए वर्ष 2001 में विश्व व्यापार संगठन में शामिल होने का निर्णय लिया और इस तरह से चीन ने अपने अर्थव्यवस्था को विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ जोड़ने का एक विशेष कार्य किया जिसका फायदा उसे तीव्र आर्थिक विकास के रूप में देखने को मिला।