CLASS: IX
SUBJECT: SOCIAL SCIENCE
WORKSHEET SOLUTION: 80
DATE: 04/02/2022
SOLUTION
नाज़ीवाद और हिटलर का उदय-5
प्रश्न 1.
हिटलर का नात्सी विश्व दृष्टिकोण क्या था? उत्तर. इस दृष्टिकोण के अनुसार सभी
समाज एक संबंध नहीं थे। केवल ब्लॉन्ड नीली आंखों वाले जर्मन आर्य सबसे ऊपरी और
यहूदी सबसे निचले पायदान पर आते थे। हिटलर का मानना था कि विश्व में आर्य सबसे
ज्यादा श्रेष्ठ हैं और उन्हें ही जीवित रहने का अधिकार है हिटलर का मानना था की
जो नस्ल सबसे ताकतवर है वही जीवित रहेगी। प्रश्न 2.
नात्सी सोच को अगली पीढ़ी में लाने के लिए हिटलर ने कौन-कौन से
उपाय किए? उत्तर. नात्सी सोच को अगली पीढ़ी में
लाने के लिए हिटलर ने निम्नलिखित कदम उठाए 1. स्कूल के पाठ्यक्रम
को और पाठ्य पुस्तकों को एक नए सिरे से लिखा गया। 2. नस्ल के बारे में
प्रचारित नात्सी विचारों को सही ठहराने के लिए नस्ल विज्ञान के नाम से एक नया
पाठ्यक्रम भी बनाया गया। 3. बच्चों को यह
सिखाया जाता था कि वे वफादार व आज्ञाकारी बने तथा हिटलर को आदर्श माने तथा
यहूदियों से नफरत करें। 4. खेलकूद के द्वारा
बच्चों में हिंसा और आक्रामकता की भावना पैदा की जाती थी इसके पीछे हिटलर का
मानना था की बच्चा मुक्केबाजी और अन्य खेलों से फौलादी दिलवाला और ताकतवर तथा
मर्दाना बन सकता है। 5. 10 वर्ष की उम्र के
जर्मन बच्चों को यूंगफोक और 14 वर्ष से बड़े लड़कों को
हिटलर यूथ नामक संगठनों में शामिल कर नात्सी राष्ट्रीय समाजवाद की भावना भरी
जाती थी। 6. 18 वर्ष की उम्र
में बच्चों को श्रम सेवा में शामिल होना होता था और इसके बाद उन्हें किसी भी
नात्सी संगठन की सदस्यता लेनी अनिवार्य थी। प्रश्न 3.
हिटलर के अनुसार महिलाओं की क्या-क्या जिम्मेदारियां थी? उत्तर. हिटलर के अनुसार महिलाओं की
निम्नलिखित जिम्मेदारियां थी 1. हिटलर का मानना था
कि महिलाएं पुरुष मर्दों से भिन्न और कमतर होती हैं और महिलाएं पुरुषों की
बराबरी नहीं कर सकती हैं। 2. हिटलर का मानना था
कि लड़कियों को एक अच्छी मां बनना और शुद्ध आर्य रक्त वाले बच्चों को जन्म देना
तथा उनका लालन-पालन पोषण करना उनकी जिम्मेदारी है। 3. हिटलर के अनुसार
महिलाओं को नस्ल की शुद्धता बनाए रखने, यहूदियों से दूर
रहने, घर संभालने और बच्चों को नात्सी मूल्य मान्यताओं की
शिक्षा देने का दायित्व दिया गया था। 4. हिटलर के अनुसार
राज्य में मां की भूमि का एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है लेकिन सभी माताओं के साथ
समान व्यवहार नहीं होता था केवल वही माताएं सम्मान की भागीदार होती थी जो आर्य
नस्ल के बच्चों को जन्म देती थी। प्रश्न 4.
एक अच्छे समाज के निर्माण में विद्यालयों का क्या योगदान हो सकता
है? उत्तर. एक अच्छे समाज के निर्माण में
विद्यालयों का एक बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है और इस योगदान को हम
निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं 1. विद्यालय के माध्यम
से ही देश में अच्छे नागरिक बनते हैं। 2. विद्यालयों के
माध्यम से छात्रों में नैतिक मूल्यों और देश प्रेम तथा परोपकार की भावना का जन्म
होता है। 3. विद्यालय एक अच्छे
समाज के निर्माण में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि विद्यालयों के
माध्यम से ही छात्रों में सामाजिकता की भावना विकसित हो पाती है। 4. विद्यालय के माध्यम
से ही देश के योग्य और निष्ठावान नागरिकों को बनाया जा सकता है। 5. एक स्वस्थ और
विकसित समाज के निर्माण के लिए विद्यालय नितांत आवश्यक है। प्रश्न 5.
"समाज में महिलाओं का स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है।"
अपने जीवन के उदाहरणों द्वारा इस कथन की पुष्टि कीजिए। उत्तर. समाज में महिलाओं का स्थान
बहुत ही महत्वपूर्ण है और यह कथन पूर्णता सत्य है। हमारे जीवन के व्यक्तिगत
उदाहरण के माध्यम से महिलाओं के योगदान को समझा जा सकता है जो इस प्रकार है 1. परिवार में हमारी
सबसे पहली शिक्षिका हमारी माता और उसके बाद हमारी बहने भी होती हैं जो हमें
अच्छा नागरिक बनाती हैं और इन दोनों का योगदान हमारे जीवन में रहा है। 2. स्कूल में हमारी कई
महिलाएं शिक्षिका थी जिन्होंने हमें एक अच्छा नागरिक और एक अच्छा व्यक्ति बनाने
में बहुत ही सहयोग दिया है। 3. हमने अपने आस-पड़ोस
की महिलाओं से भी बहुत सारी अच्छी-अच्छी बातें सीखी है जो हमारे दैनिक जीवन में
प्रयोग होती हैं। 4. व्यक्तिगत तौर पर
हमारे समाज में हमने उन महिलाओं से भी बहुत कुछ सीखा है जिन्होंने बहुत संघर्ष
करने के बाद में ऊंचे पदों को प्राप्त किया है। |