CLASS: IX
SUBJECT: SOCIAL SCIENCE
WORKSHEET SOLUTION: 76
DATE: 31/01/2022
SOLUTION
चुनावी राजनीति
प्रश्न 1.
चुनाव आयोग की क्या भूमिका है?
उत्तर. चुनाव आयोग भारत में एक
महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए
उत्तरदाई भी है। चुनाव आयोग की भूमिका को हम निम्नलिखित बिंदुओं से समझ सकते हैं
1. हमारे देश में चुनाव
एक स्वतंत्र और बहुत ही शक्तिशाली चुनाव आयोग द्वारा कराए जाते हैं।
2. भारतीय चुनाव आयोग
स्वतंत्र और बिना दबाव के अपने सभी कार्यों को करता है।
3. भारतीय चुनाव आयोग को
भी उतनी ही स्वतंत्रता प्राप्त है जितनी की भारतीय न्यायपालिका को प्राप्त है।
4. चुनावों की घोषणा और
उनके परिणामों की घोषणा तक चुनाव के संचालन और नियंत्रण के हर पहलू पर चुनाव आयोग
निर्णय लेता है।
5. मुख्य चुनाव आयुक्त
की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है।
6. भारतीय चुनाव आयोग
आचार संहिता भी लागू करता है और इसका उल्लंघन करने वाले किसी भी उम्मीदवार या
पार्टी को दंडित भी करता है।
प्रश्न 2.
आप क्यों सोचते हैं कि लोगों को चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय भाग
लेना चाहिए?
उत्तर. चुनाव प्रक्रिया में लोगों को
सदैव सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। इस सक्रिय भूमिका के कारण सही और योग्य
उम्मीदवारों का चयन हो पाता है और लोगों को राजनीतिक मुद्दों के बारे में जानकारी
रहती है। जनता जब चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाती है तो राजनीतिक दलों और
उम्मीदवारों पर भी दबाव होता है और उन्हें जनता के समक्ष अपनी जवाबदेही सुनिश्चित
करनी होती है। जनता जब सक्रिय भूमिका निभाती है तो निर्वाचन में सही सरकार का चयन
हो पाता है और जनमत का भी निर्माण होता है।
प्रश्न 3.
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की क्या चुनौतियां हैं ?
उत्तर. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव
कराना एक बहुत बड़ी चुनौती है और इन चुनौतियों को हम निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम
से समझ सकते हैं
1. चुनाव में होने वाले
अत्यधिक धन के प्रयोग के कारण चुनाव संचालन उचित रूप में हो पाना कठिन हो जाता है
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए अत्यधिक धन के प्रयोग को रोकना एक बहुत
बड़ी चुनौती है।
2. स्वतंत्र और निष्पक्ष
चुनाव कराने में एक बड़ी चुनौती यह भी है कि चुनाव के माध्यम से आपराधिक पृष्ठभूमि
के उम्मीदवार भी चुनाव लड़ सकते हैं और चुनाव जीत भी सकते हैं इसलिए इन्हें किस
प्रकार रोका जाए यह भी एक बड़ी चुनौती है।
3. स्वतंत्र और निष्पक्ष
चुनाव कराने में एक चुनौती यह भी सामने आती है कि चुनाव के दौरान लोगों को उचित
विकल्प नहीं मिल पाता है जिसके कारण लोग मतदान करने में अरुचि दिखाते हैं।
4. स्वतंत्र और निष्पक्ष
चुनाव में एक चुनौती यह भी है कि जब राजनीतिक दलों द्वारा टिकट दी जाती है तो
इसमें संबंधों को वरीयता दी जाती है जो कि एक बहुत बड़ी चुनौती है इसके माध्यम से
केवल सगे संबंधी ही चुनाव लड़ते हैं और जीत पाते हैं।
5. स्वतंत्र और निष्पक्ष
चुनाव के लिए एक चुनौती यह भी है कि बड़े-बड़े राजनीतिक दल छोटे दलों और निर्दलीय
उम्मीदवारों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। छोटे राजनीतिक दल और निर्दलीय
उम्मीदवार इन बड़े राजनीतिक दलों से प्रभावित हो जाते हैं जो कि एक बड़ी चुनौती
है।
प्रश्न 4.
आपने चुनाव में भ्रष्टाचार से संबंधित समाचारों के बारे में सुना
होगा। जैसे मतदाता सूची में झूठे नाम शामिल करना, शासक दल
द्वारा सरकारी सुविधाओं और अधिकारियों का दुरुपयोग, धन का
अत्यधिक उपयोग और मतदाताओं को डराना और मतदान के दिन धांधली करना। उन्हें ठीक करने
के कुछ तरीकों का सुझाव दें।
उत्तर. मतदाता सूची में झूठे नाम शामिल
करना, शासक दल द्वारा सरकारी सुविधाओं और अधिकारियों का दुरुपयोग,
धन का अत्यधिक उपयोग और मतदाताओं को डराना और मतदान के दिन धांधली
करना, इस प्रकार की समस्याएं चुनाव के दौरान देखने और सुनने
को मिलती है इन समस्याओं को हम निम्नलिखित तरीकों से ठीक कर सकते हैं
1. चुनाव के दौरान यदि
कोई उम्मीदवार या पार्टी चुनाव प्रचार में अत्यधिक धन का उपयोग करें तो उस
उम्मीदवार का नामांकन तत्काल निरस्त कर देना चाहिए।
2. मतदाता सूची में
शामिल सभी नामों को जांच पड़ताल के बाद ही वैध करार देना चाहिए। इसके लिए चुनाव
आयोग को कठोर कदम उठाने चाहिए जिससे कि किसी भी प्रकार का कोई फर्जी मतदाता शामिल
ना हो पाए।
3. चुनाव के दौरान यदि
शासक दल द्वारा सरकारी सुविधाओं या अधिकारियों का उपयोग किया जाए तो चुनाव आयोग को
तुरंत ऐसे उम्मीदवारों और राजनीतिक दल के ऊपर कार्यवाही की जानी चाहिए और उनका
नामांकन भी रद्द कर देना चाहिए।
4. चुनाव में होने वाले
धन के अत्यधिक प्रयोग को रोकने के लिए चुनाव आयोग को और अधिक कठोर नियम बनाने
चाहिए और यदि कोई उम्मीदवार या राजनीतिक दल अपने क्षेत्र में निर्धारित राशि से
अधिक खर्च करता है तो उसका नामांकन भी रद्द कर देना चाहिए।
5. यदि चुनाव में कोई
उम्मीदवार या राजनीतिक दल मतदाताओं को डराने धमकाने की कोशिश करता है तो ऐसे में
चुनाव आयोग को पर्याप्त पुलिस बल का प्रयोग करना चाहिए और मतदाताओं को सुरक्षा
देनी चाहिए तथा इस प्रकार की किसी भी शिकायत को गंभीरता से लेना चाहिए।
6. मतदान के दिन होने
वाली धांधली को रोकने के लिए चुनाव आयोग को मतदान केंद्रों पर लगातार दौरे करने के
लिए पुलिस बल तैनात करना चाहिए और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव को संपन्न कराने के
लिए पर्याप्त कदम उठाने चाहिए।
SOLUTION
चुनावी राजनीति
प्रश्न 1.
चुनाव आयोग की क्या भूमिका है?
उत्तर. चुनाव आयोग भारत में एक
महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए
उत्तरदाई भी है। चुनाव आयोग की भूमिका को हम निम्नलिखित बिंदुओं से समझ सकते हैं
1. हमारे देश में चुनाव
एक स्वतंत्र और बहुत ही शक्तिशाली चुनाव आयोग द्वारा कराए जाते हैं।
2. भारतीय चुनाव आयोग
स्वतंत्र और बिना दबाव के अपने सभी कार्यों को करता है।
3. भारतीय चुनाव आयोग को
भी उतनी ही स्वतंत्रता प्राप्त है जितनी की भारतीय न्यायपालिका को प्राप्त है।
4. चुनावों की घोषणा और
उनके परिणामों की घोषणा तक चुनाव के संचालन और नियंत्रण के हर पहलू पर चुनाव आयोग
निर्णय लेता है।
5. मुख्य चुनाव आयुक्त
की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है।
6. भारतीय चुनाव आयोग
आचार संहिता भी लागू करता है और इसका उल्लंघन करने वाले किसी भी उम्मीदवार या
पार्टी को दंडित भी करता है।
प्रश्न 2.
आप क्यों सोचते हैं कि लोगों को चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय भाग
लेना चाहिए?
उत्तर. चुनाव प्रक्रिया में लोगों को
सदैव सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। इस सक्रिय भूमिका के कारण सही और योग्य
उम्मीदवारों का चयन हो पाता है और लोगों को राजनीतिक मुद्दों के बारे में जानकारी
रहती है। जनता जब चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाती है तो राजनीतिक दलों और
उम्मीदवारों पर भी दबाव होता है और उन्हें जनता के समक्ष अपनी जवाबदेही सुनिश्चित
करनी होती है। जनता जब सक्रिय भूमिका निभाती है तो निर्वाचन में सही सरकार का चयन
हो पाता है और जनमत का भी निर्माण होता है।
प्रश्न 3.
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की क्या चुनौतियां हैं ?
उत्तर. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव
कराना एक बहुत बड़ी चुनौती है और इन चुनौतियों को हम निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम
से समझ सकते हैं
1. चुनाव में होने वाले
अत्यधिक धन के प्रयोग के कारण चुनाव संचालन उचित रूप में हो पाना कठिन हो जाता है
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए अत्यधिक धन के प्रयोग को रोकना एक बहुत
बड़ी चुनौती है।
2. स्वतंत्र और निष्पक्ष
चुनाव कराने में एक बड़ी चुनौती यह भी है कि चुनाव के माध्यम से आपराधिक पृष्ठभूमि
के उम्मीदवार भी चुनाव लड़ सकते हैं और चुनाव जीत भी सकते हैं इसलिए इन्हें किस
प्रकार रोका जाए यह भी एक बड़ी चुनौती है।
3. स्वतंत्र और निष्पक्ष
चुनाव कराने में एक चुनौती यह भी सामने आती है कि चुनाव के दौरान लोगों को उचित
विकल्प नहीं मिल पाता है जिसके कारण लोग मतदान करने में अरुचि दिखाते हैं।
4. स्वतंत्र और निष्पक्ष
चुनाव में एक चुनौती यह भी है कि जब राजनीतिक दलों द्वारा टिकट दी जाती है तो
इसमें संबंधों को वरीयता दी जाती है जो कि एक बहुत बड़ी चुनौती है इसके माध्यम से
केवल सगे संबंधी ही चुनाव लड़ते हैं और जीत पाते हैं।
5. स्वतंत्र और निष्पक्ष
चुनाव के लिए एक चुनौती यह भी है कि बड़े-बड़े राजनीतिक दल छोटे दलों और निर्दलीय
उम्मीदवारों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। छोटे राजनीतिक दल और निर्दलीय
उम्मीदवार इन बड़े राजनीतिक दलों से प्रभावित हो जाते हैं जो कि एक बड़ी चुनौती
है।
प्रश्न 4.
आपने चुनाव में भ्रष्टाचार से संबंधित समाचारों के बारे में सुना
होगा। जैसे मतदाता सूची में झूठे नाम शामिल करना, शासक दल
द्वारा सरकारी सुविधाओं और अधिकारियों का दुरुपयोग, धन का
अत्यधिक उपयोग और मतदाताओं को डराना और मतदान के दिन धांधली करना। उन्हें ठीक करने
के कुछ तरीकों का सुझाव दें।
उत्तर. मतदाता सूची में झूठे नाम शामिल
करना, शासक दल द्वारा सरकारी सुविधाओं और अधिकारियों का दुरुपयोग,
धन का अत्यधिक उपयोग और मतदाताओं को डराना और मतदान के दिन धांधली
करना, इस प्रकार की समस्याएं चुनाव के दौरान देखने और सुनने
को मिलती है इन समस्याओं को हम निम्नलिखित तरीकों से ठीक कर सकते हैं
1. चुनाव के दौरान यदि
कोई उम्मीदवार या पार्टी चुनाव प्रचार में अत्यधिक धन का उपयोग करें तो उस
उम्मीदवार का नामांकन तत्काल निरस्त कर देना चाहिए।
2. मतदाता सूची में
शामिल सभी नामों को जांच पड़ताल के बाद ही वैध करार देना चाहिए। इसके लिए चुनाव
आयोग को कठोर कदम उठाने चाहिए जिससे कि किसी भी प्रकार का कोई फर्जी मतदाता शामिल
ना हो पाए।
3. चुनाव के दौरान यदि
शासक दल द्वारा सरकारी सुविधाओं या अधिकारियों का उपयोग किया जाए तो चुनाव आयोग को
तुरंत ऐसे उम्मीदवारों और राजनीतिक दल के ऊपर कार्यवाही की जानी चाहिए और उनका
नामांकन भी रद्द कर देना चाहिए।
4. चुनाव में होने वाले
धन के अत्यधिक प्रयोग को रोकने के लिए चुनाव आयोग को और अधिक कठोर नियम बनाने
चाहिए और यदि कोई उम्मीदवार या राजनीतिक दल अपने क्षेत्र में निर्धारित राशि से
अधिक खर्च करता है तो उसका नामांकन भी रद्द कर देना चाहिए।
5. यदि चुनाव में कोई
उम्मीदवार या राजनीतिक दल मतदाताओं को डराने धमकाने की कोशिश करता है तो ऐसे में
चुनाव आयोग को पर्याप्त पुलिस बल का प्रयोग करना चाहिए और मतदाताओं को सुरक्षा
देनी चाहिए तथा इस प्रकार की किसी भी शिकायत को गंभीरता से लेना चाहिए।
6. मतदान के दिन होने
वाली धांधली को रोकने के लिए चुनाव आयोग को मतदान केंद्रों पर लगातार दौरे करने के
लिए पुलिस बल तैनात करना चाहिए और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव को संपन्न कराने के
लिए पर्याप्त कदम उठाने चाहिए।