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  • CBSE 

    CLASS-X

    SOCIAL SCIENCE

    SYLLABUS 2022-23


    TIME-3 Hrs                                         Max. Marks-80

    Sr.No.

    BOOKS

    MARKS

    1

    भारत और समकालीन विश्व - II (इतिहास)

    20

    2

    समकालीन भारत - II (भूगोल)

    20

    3

    लोकतांत्रिक राजनीति - II (राजनीति विज्ञान)

    20

    4

    आर्थिक विकास की समझ (अर्थशास्त्र)

    20

     

    TOTAL

    80

     

    भारत और समकालीन विश्व - II (इतिहास)

    खण्ड-1 घटनाएं और प्रक्रिया

    अध्याय-1 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

    फ्रांसीसी क्रांति और राष्ट्र का विचार

    यूरोप में राष्ट्रवाद का निर्माण

    क्रांतियों का युग 1830-1848

    जर्मनी और इटली का निर्माण

    राष्ट्र की दृश्य कल्पना

    राष्ट्रवाद और साम्राज्यवाद

    अध्याय-2 भारत में राष्ट्रवाद

    प्रथम विश्वयुद्ध, खिलाफत आंदोलन और असहयोग

    आंदोलन के भीतर अलग-अलग धाराएं सविनय अवज्ञा की ओर

    सामूहिक अपनेपन का भाव

    खण्ड-2 जीविका अर्थव्यवस्था एवं समाज

    अध्याय-3 भूमंडलीकृत विश्व का बनना

    आधुनिक युग से पहले

    19वीं शताब्दी (1815-1914)

    महायुद्ध के बीच अर्थव्यवस्था

    विश्व अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण

    युद्धोत्तर काल

    अध्याय-4 औद्योगीकरण का युग

    औद्योगिक क्रांति से पहले

    हाथ का श्रम और वाष्प शक्ति

    उपनिवेशों में औद्योगिकरण

    फैक्ट्रियों का आना

    औद्योगिक विकास का अनूठापन

    वस्तुओं के लिए बाजार

    खण्ड 3 रोजाना की जिंदगी, संस्कृति और राजनीति

    अध्याय-5 मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया

    शुरुआती छपी किताबें

    यूरोप में मुद्रण का आना

    मुद्रण क्रांति और उसका असर

    पढ़ने का जुनून

    19वीं सदी

    भारत का मुद्रण संसार

    धार्मिक सुधार और सार्वजनिक बहसें प्रकाशन के नए रूप

    प्रिंट और प्रतिबंध

    समकालीन भारत - II (भूगोल)

    अध्याय-1 संसाधन एवं विकास

    अवधारणा

    संसाधनों का विकास

    संसाधन नियोजन-भारत में संसाधन नियोजन, संसाधनों का संरक्षण

    भू-संसाधन

    भू-उपयोग

    भारत में भू-उपयोग प्रारूप

    भूमि निम्नीकरण और संरक्षण उपाय

    मृदा संसाधन-मृदा का वर्गीकरण, मृदा अपरदन और संरक्षण (बॉक्स में भारत के राज्यों के विषय में दी गई जानकारी के अतिरिक्त)

    अध्याय-2 वन एवं वन्य जीव संसाधन

    भारत में वन और वन्य जीवन का संरक्षण

    वन एवं वन्य जीव संसाधनों के प्रकार और वितरण

    समुदाय और वन संरक्षण।

    अध्याय-3 जल संसाधन

    जल दुर्लभता और जल संरक्षण एवं प्रबंधन की आवश्यकता

    बहुउद्देशीय नदी परियोजनाएं और समन्वित जल संसाधन प्रबंधन

    वर्षा जल संग्रहण

    अध्याय-4 कृषि

    कृषि के प्रकार:प्राथमिक कृषि, गहन कृषि, व्यापारिक कृषि

    शस्य प्रारूप - मुख्य फसलें, खाद्य फसलें अनाजों के अतिरिक्त खाद्य फसलें, अखाद्य फसलें, प्रौद्योगिकीय और संस्थागत सुधार

    खाद्य सुरक्षा (वैश्वीकरण का कृषि पर प्रभाव को छोड़कर)

    अध्याय-5 खनिज एवं ऊर्जा संसाधन

    खनिज क्या है?

    खनिज प्राप्ति के प्रकार - खनिज कहां प्राप्त होते हैं? लौह और अलौह खनिज, आधारित खनिज, चट्टानी खनिज

    खनिजों का संरक्षण

    ऊर्जा संसाधन के प्रकार - परंपरागत ऊर्जा संसाधन एवं गैर परंपरागत ऊर्जा संसाधन

    ऊर्जा संसाधनों का संरक्षण।

    अध्याय-6 विनिर्माण उद्योग

    विनिर्माण का महत्व - औद्योगिक अवस्थिति (उद्योग एवं बाजार के संबंध को छोड़कर)

    कृषि आधारित उद्योग (सूती कपड़ा उद्योग, जूट उद्योग, चीनी उद्योग को छोड़कर)

    खनिज आधारित उद्योग (लौह एवं अयस्क उद्योग, सीमेंट उद्योग को छोड़कर)

    औद्योगिक प्रदूषण तथा पर्यावरण निम्नीकरण

    पर्यावरण निम्नीकरण की रोकथाम।

    अध्याय-7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएं

    स्थल परिवहन

    रेल परिवहन

    पाइपलाइन

    जल परिवहन

    प्रमुख पत्तन

    वायु परिवहन

    संचार सेवाएं

    अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

    पर्यटन : एक व्यापार के रूप में।

    लोकतांत्रिक राजनीति - II (राजनीति विज्ञान)

    अध्याय-1 सत्ता की साझेदारी

    बेल्जियम एवं श्रीलंका

    श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद

    बेल्जियम में समायोजन

    सत्ता में साझेदारी क्यों आवश्यक है?

    सत्ता में साझेदारी के विभिन्न प्रारूप।

     

     

    अध्याय-2 संघवाद

    संघवाद क्या है?

    कौन-कौन से कारक भारत को एक संघीय व्यवस्था वाला देश बनाते हैं?

    संघीय व्यवस्था कैसे चलती है?

    भारत में विकेंद्रीकरण।

    अध्याय-4 जाति, धर्म और लैंगिक मसले

    लैंगिक मसले और राजनीति - सार्वजनिक/निजी विभेद, महिलाओं का राजनीतिक प्रतिनिधित्व

    धर्म, सांप्रदायिकता और राजनीति- सांप्रदायिकता, धर्मनिरपेक्ष राज्य (पाठ्य पुस्तक लोकतांत्रिक राजनीति के नवीन प्रिंट 2021 में पृष्ठ संख्या 46 48 49 पर छपे चित्रों को छोड़कर)

    जाति और राजनीति - जातिगत असमानता, जाति की राजनीति, राजनीति में जाति।

    अध्याय-6 राजनीतिक दल

    राजनीतिक दलों की जरूरत क्यों? अर्थ कार्य आवश्यकता

    कितने राजनीतिक दल?

    राष्ट्रीय दल

    क्षेत्रीय दल

    राजनीतिक दलों के लिए चुनौतियां?

    दलों को कैसे सुधारा जा सकता है?

     

    अध्याय-7 लोकतंत्र के परिणाम

    लोकतंत्र के परिणामों का मूल्यांकन कैसे करें?

    उत्तरदाई जिम्मेदार और वैध शासन

    आर्थिक संवृद्धि और विकास

    असमानता और गरीबी में कमी

    सामाजिक विविधताओं में सामंजस्य

    नागरिकों की गरिमा और आजादी।

    आर्थिक विकास की समझ (अर्थशास्त्र)

    अध्याय-1 विकास

    विकास क्या वादा करता है? विभिन्न व्यक्ति विभिन्न लक्ष्य

    आय और अन्य लक्ष्य

    राष्ट्रीय विकास

    विभिन्न देशों या राज्यों की तुलना कैसे की जाए?

    आय और अन्य मापदंड

    सार्वजनिक सुविधाएं

    विकास की धारणीयता।

    अध्याय-2 भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक

    आर्थिक कार्यों का क्षेत्रक

    तीनों क्षेत्रक की तुलना

    भारत में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रक

    संगठित और असंगठित के रूप में क्षेत्रक का विभाजन

    स्वामित्व आधारित क्षेत्रक - सार्वजनिक और निजी क्षेत्रक।

    अध्याय-3 मुद्रा और साख

    मुद्रा विनिमय का एक माध्यम

    मुद्रा के आधुनिक रूप

    बैंकों की ऋण संबंधी गतिविधियां

    साख की दो भिन्न स्थितियां

    ऋण की शर्तें

    भारत में औपचारिक क्षेत्रक में साख

    निर्धनों के लिए स्वयं सहायता समूह।

    अध्याय-4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

    अंतर्देशीय उत्पादन

    विश्व भर के उत्पादन को एक दूसरे से जोड़ना

    विदेश व्यापार और बाजारों का एकीकरण

    वैश्वीकरण क्या है?

    वैश्वीकरण को संभव बनाने वाले कारक

    विश्व व्यापार संगठन

    भारत में वैश्वीकरण का प्रभाव

    न्याय संगत वैश्वीकरण के लिए संघर्ष।

    अध्याय-4 उपभोक्ता अधिकर

    (केवल परियोजना कार्य हेतु)

     

    परियोजना कार्य

    प्रत्येक विद्यार्थी को दिए गए विषय में से किसी एक विषय पर अनिवार्य रूप से परियोजना कार्य करना है।

    उपभोक्ता जागरूकता

    या

    सामाजिक मुद्दे

    या

    सतत पोषणीय विकास

     

     


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